भोपाल, 6 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर सीहोर जिले में VIT BHOPAL के नाम से संचालित विश्वविद्यालय में स्वच्छ भोजन और पीने का पानी न मिलने से हजारों छात्रों के बीमार पड़ने और उसके बाद हुई मारपीट व आगजनी की घटना अब राज्यसभा तक पहुँच गई है। राज्यसभा में सांसद अशोक सिंह ने यह गंभीर मुद्दा उठाया और सरकार से खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की माँग की।
विश्वविद्यालय प्रबंधन का रवैया तानाशाही वाला है: सांसद अशोक सिंह
25 नवंबर को हुई इस घटना में करीब चार हजार छात्र घटिया खाना और दूषित पानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। गुस्साए छात्रों ने कैंपस में तोड़फोड़ की, गाड़ियों में आग लगा दी और प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। सांसद अशोक सिंह ने सदन में कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन का रवैया तानाशाही वाला है और वह छात्रों को धमकाकर ऐसे मामले दबाता रहा है।
थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए
उन्होंने बताया कि कैंटीन को लाइसेंस मिलने के बाद भी खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन नाममात्र का होता है। पानी की गुणवत्ता, कच्चे माल की सप्लाई चेन और खाने की जाँच में भारी लापरवाही सामने आई है। सांसद ने चेतावनी दी कि कार्रवाई सिर्फ़ तब होती है जब छात्र अस्पताल पहुँच जाते हैं। इसलिए थर्ड पार्टी ऑडिट तुरंत शुरू होना चाहिए और यह सिर्फ़ कागजी कार्यवाही तक सीमित न रहे।
अशोक सिंह ने कहा, “लाखों-करोड़ों रुपये फीस वसूलने वाले इन संस्थानों को बच्चों की बुनियादी जरूरतों – साफ पानी और सुरक्षित भोजन – से समझौता करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि VIT सीहोर की यह पहली घटना नहीं है; पहले तेलंगाना और राजस्थान के कई निजी विश्वविद्यालयों में भी फूड पॉइजनिंग से छात्र बीमार हो चुके हैं।
राज्यसभा में सांसद ने सरकार से आग्रह किया कि खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों पर सख्त जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ।
पिछले कुछ सालों में देश के कई नामी प्राइवेट यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में खराब मेस फूड और दूषित पानी की वजह से बड़े स्तर पर छात्र बीमार पड़ चुके हैं। हैदराबाद, जयपुर, नोएडा और कोयंबटूर जैसे शहरों के कैंपस में भी इसी तरह की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद FSSAI और स्थानीय प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी थी।
अब जाकर VIT BHOPAL प्रबंधन ने माफी माँगी
फिलहाल VIT BHOPAL, सीहोर प्रबंधन ने माफी माँगी है और कैंटीन ठेके को बदलने की बात कही है, लेकिन छात्र संगठन अभी भी हॉस्टल-मेस की थर्ड पार्टी जाँच और प्रबंधन के खिलाफ FIR की माँग पर अड़े हैं।
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