Problematic property की शिकायत किससे करें, किस नियम के तहत कार्रवाई होगी

पहले हम जानते हैं कि पब्लिक न्यूसेंस का क्या अर्थ है। अपने कार्य द्वारा किसी को सार्वजनिक रूप से हानि पहुँचाना या किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करना लोक न्यूसेंस (Public Nuisance) होता है। सामान्य भाषा में - कोई ऐसी वस्तु (इमारत, सड़क, आदि) या किसी भी प्रकार की Property से लोगों को संकट उत्पन्न होने वाला हो, ऐसी वस्तुओं को सार्वजनिक स्थान से हटवाना या ठीक करवाना। आज के लेख में हम बताएँगे कि किसी पब्लिक न्यूसेंस के कारण संकट उत्पन्न होने की संभावना हो, तब किस कानून के अंतर्गत इस पर कार्यवाही की जाएगी एवं कौन-सा Magistrate ऐसी कार्यवाही करेगा, जानिए।

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किसी जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) या किसी उपखण्ड मजिस्ट्रेट (Sub-Divisional Magistrate) या राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी अन्य executive magistrate (तहसीलदार, नायब तहसीलदार, नगरीय कार्यपालक मजिस्ट्रेट आदि) को Police officer की रिपोर्ट या अन्य व्यक्ति की Complaint पर Information मिलती है, तब Magistrate निम्न प्रकार के Order जारी कर सकता है, जैसा वह ठीक समझे:-

1. किसी Public Place या मार्ग, नदी, तालाब आदि, जो जनता द्वारा विधिपूर्वक (lawfully) उपयोग में लाया जाता है, वहाँ कोई विधि-विरुद्ध बाधा (unlawful obstruction) उत्पन्न हो, उसे हटाना।
2. कोई ऐसा Business या उपजीविका (livelihood) चलाना, जिससे आम नागरिकों (Ordinary citizens) को परेशानी उत्पन्न हो रही हो, ऐसे व्यापार को हटवाना।
3. कोई ऐसा विस्फोटक पदार्थ (explosive material), जिससे भवन, मकान आदि में आग लगने की संभावना हो, उसका हटवाना या उसके क्रय-विक्रय पर रोक लगवाना।
4. कोई जर्जर भवन, पानी की टंकी, पुराना कुआँ, नदी के ब्रिज की बाउंड्री, कोई वृक्ष आदि गिरने वाला हो, जिससे आम व्यक्ति को संकट उत्पन्न होने की संभावना हो, तब मजिस्ट्रेट उसे हटवा सकता है, मरम्मत करवा सकता है या टेके (आलम्ब) लगवा सकता है, जैसा वह ठीक समझे।

5. कोई ऐसा भयानक जीव-जंतु, जिससे लोगों को संकट उत्पन्न हो, तब ऐसे जंतुओं को नष्ट करवाना, पकड़कर अन्य स्थान पर छोड़ना आदि करवाना। अगर कोई व्यक्ति ऐसे जीव-जंतुओं द्वारा व्यापार करता है, तब उसे ऐसे व्यापार को बंद करने का आदेश दिया जा सकता है।
नोट:- अगर कोई व्यक्ति मजिस्ट्रेट के उपर्युक्त आदेश का पालन नहीं करता है, तब मजिस्ट्रेट स्वयं के विवेकानुसार अंतिम निर्णय ले सकता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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