मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आज अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह को घेर लिया। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि ई-अटेंडेंस सहित सभी मंजूर है लेकिन उनकी सेवाओं को नियमित कर दिया जाए। अतिथि शिक्षकों ने यहां तक कह दिया कि, रिटायरमेंट या कोई प्रमोशन नहीं चाहिए और ऐसे स्कूलों में नियुक्ति कर दीजिए जहां पर कोई नहीं जाना चाहता लेकिन नियमित कर दीजिए।
मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक आंदोलन क्यों कर रहे हैं
उल्लेखनीय कि स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूल शिक्षा विभाग में ई-अटेंडेंस अनिवार्य कर दी है। यह अनिवार्यता, नियमित शिक्षकों के अलावा अतिथि शिक्षकों पर भी लागू कर दी गई है। मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नियमित शिक्षकों के लिए बनाए गए नियम, उनके ऊपर लागू नहीं किया जा सकते हैं। पहले उनकी सेवाओं को नियमित करें उसके बाद वह सभी नियम मानने के लिए तैयार है। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक श्री केके द्विवेदी, मोर्चा संभाले हुए हैं। एक के बाद एक धमकी वाले पत्र जारी कर रहे हैं। यहां तक की पुलिस अधीक्षक को अतिथि शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं। प्रत्येक पत्र की प्रतिलिपि स्कूल शिक्षा मंत्री तक पहुंचाई जा रही है।
DPI डायरेक्टर की धमकी का असर, 30000 अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस लगाई
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा सूत्रों के माध्यम से कुछ खास पत्रकारों तक जानकारी भेजी है कि, संचालक श्री केके द्विवेदी द्वारा वेतन काटे जाने के धमकी भरे पत्र जारी करने के बाद 70000 में से 30000 अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस लगा दी है। अर्थात अतिथि शिक्षकों की एकता टूट गई है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने स्तर पर अतिथि शिक्षकों के वेतन काटे जाने हेतु बयान अथवा समाचार प्रकाशित करवाएं। ताकि बचे हुए 40000 अतिथि शिक्षक भी ई-अटेंडेंस लगाने लगें।