SAWAN 2nd Somwar: विवाह, संतान सुख, नौकरी एवं परीक्षा में सफलता के लिए विशेष मंत्र और पूजा विधि

सावन का महीना विशेष है। महादेव के पास सृष्टि के संचालन का प्रभार है। इसलिए सावन के महीने का प्रत्येक दिन विशेष होता है। 21 जुलाई को सावन के महीने का दूसरा सोमवार है। विवाह, संतान सुख, नौकरी आदि विशेष फल की कामना हेतु पूजा की विशेष विधि और मंत्र प्रकाशित किया जा रहे हैं। इस लेख में यह भी बताया गया है कि सावन के दूसरे सोमवार को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। 

सावन सोमवार व्रत व पूजा विधि

  • सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • व्रत का संकल्प लें (यदि उपवास कर रहे हैं तो जल या फलाहार का संकल्प लें)।
  • घर में ही शिवलिंग को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें या शिव मंदिर जाएं।
  • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
  • उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं और फिर शुद्ध जल से अभिषेक करें।
  • बेलपत्र अर्पित करें – ध्यान रहे हर पत्ते पर ‘ॐ नमः शिवाय’ बोलते हुए अर्पित करें।
  • बेलपत्र के तीनों पत्रों पर चंदन का तिलक होना चाहिए।
  • फूल, धतूरा, भांग, अक्षत अर्पित करें।
  • दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
  • शिवजी को सफेद मिठाई या फल का भोग लगाएं।
  • अंत में शिव चालीसा, रुद्राष्टक या शिव पुराण का पाठ करें।

सावन सोमवार का मंत्र जाप:

“ॐ नमः शिवाय” – कम से कम 108 बार
“महामृत्युंजय मंत्र”:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ 

सावन के सोमवार को क्या करना चाहिए:

  • सफेद या पीले वस्त्र धारण करें।
  • शांत रहें और सभी के साथ मधुर वचन कहें।
  • भूखे को भोजन और निर्धन को वस्त्र दान करें। 
  • व्रतधारी केवल फलाहार या एक समय भोजन करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें और दिन भर भगवान शिव का ध्यान करते रहें।

सावन के सोमवार को क्या नहीं करना चाहिए: 

  • काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करेंगे। 
  • झूठ नहीं बोलेंगे। 
  • विवाद नहीं करेंगे। 
  • यदि उपवास नहीं है तब भी तामसिक भोजन नहीं करेंगे। 
  • मादक पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे। 

विवाह हेतु विशेष मंत्र:

🕉 ॐ सोमेश्वराय नमः।
या:
🕉 कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥
जप संख्या: कम से कम 108 बार प्रतिदिन, पूरे सावन मास।
विशेष: बेलपत्र और गुलाब चढ़ाकर शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करें। 

संतान सुख हेतु विशेष मंत्र:

🕉 देवेंद्रप्रिय देवेन्द्र देवस्य प्रियभामिनि।
उत्तिष्ठ नरशार्दूल कार्यमस्ति महत्तरम्॥

या सरल मंत्र:
🕉 ॐ नमः शिवाय शंकराय पुत्रदाय नमः॥
जप संख्या: 108 बार X 11 माला।
विशेष: शिवलिंग पर दूध और शहद का अभिषेक करें, साथ में सफेद फूल चढ़ाएँ।

 सरकारी या निजी नौकरी हेतु मंत्र:

🕉 शिवाय नमः, रूद्राय नमः, शंभवे नमः।
वः पदं प्राप्तये नमः।

या सरल मंत्र:
🕉 ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं नमः शिवाय॥
जप संख्या: 108 बार
विशेष: शिवलिंग पर जल, कच्चा दूध और चावल अर्पित करें। मन में अपनी नौकरी की इच्छा स्पष्ट रूप से रखें। 

परीक्षा में सफलता हेतु मंत्र:

🕉 वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि।
तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्॥

या सरल मंत्र:
🕉 ॐ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः॥
जप संख्या: 108 बार प्रातःकाल
विशेष: शिवजी के साथ माँ सरस्वती की भी पूजा करें, खासतौर पर विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक है। 
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