संडे की छुट्टी वाले दिन पॉलिटिकल गॉसिप के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोगों को टॉपिक दे दिया। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि, विकास कार्यों पर कुछ नेता कहते हैं मैं लाया... मैं लाया, मैं.. मैं के अलावा उन्हें फुर्सत ही नहीं रहती।
ग्वालियर में अपनी-अपनी भाजपा
केंद्रीय मंत्री श्रीज्योतिरादित्य सिंधिया जब से कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तभी से ग्वालियर चंबल संभाग में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। पहले यह पार्टी के अनुशासन का पालन करते हुए चल रही थी। आज थोड़ी मुखर हो गई है। वैसे ग्वालियर में अपनी-अपनी भाजपा इसी हफ्ते एक बार और बड़ी स्पष्ट दिखाई दी थी। प्रदेश अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल जब ग्वालियर आए तो, उनकी अगवानी करने के लिए ग्वालियर चंबल के सबसे बड़े नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं थे। श्री हेमंत खंडेलवाल भी, विधानसभा अध्यक्ष से मिलने उनके घर नहीं गए। ऐसा लगा जैसे श्री हेमंत खंडेलवाल किसी एक विधानसभा के प्रत्याशी के लिए रोड शो कर रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया बनाम नरेंद्र सिंह तोमर
अप्रैल 2025 में एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में लंबे समय बाद सक्रियता दिखाते हुए कहा, "टाइगर अभी जिंदा है!" इसे तोमर के प्रभुत्व को चुनौती देने के रूप में देखा गया।
आग और घी: ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच गुटबाजी स्पष्ट है। तोमर के समर्थक उन्हें क्षेत्र का मूल नेता मानते हैं, जबकि सिंधिया के समर्थक उनके शाही विरासत और राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव को रेखांकित करते हैं।