Bhopal Samachar - हाईकोर्ट द्वारा चार शिक्षक सहित 6 कर्मचारियों के ट्रांसफर स्थगित

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश द्वारा चेक कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश स्थगित किए गए हैं। इनमें से चार शिक्षक हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर शिक्षकों के नियम विरुद्ध ट्रांसफर किए गए। अब ऐसे सभी मामले हाई कोर्ट में सामने आ रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा एक मामला राजस्व विभाग और एक अन्य मामला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित है। 

पांढुर्णा में स्वैच्छिक स्थानांतरण के स्थान पर शिक्षक का टॉर्चर ट्रांसफर स्थगित

श्री राजकुमार भूमर उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोपरवाडी कला, जिला पांढुर्णा में पदस्थ हैं। उनकी पत्नी भी शासकीय शिक्षक होने के कारण, उन्होंने जिले के भीतर स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और तहसील सौसर के लिए पांच रिक्त स्थानों का विकल्प प्रस्तुत किया था। हालांकि, उनके विकल्पों के विपरीत, उनका स्थानांतरण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोपरवाडी कला, तहसील सौसर से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पांढुर्णा कर दिया गया। उच्च न्यायालय, जबलपुर में श्री भूमर की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि रिक्त स्थानों के उपलब्ध होने के बावजूद अन्य स्थान पर स्थानांतरण करना शासन की स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करता है और मनमाना है। सुनवाई के बाद, आयुक्त को निर्देश दिया गया कि 30 दिनों के भीतर प्रकरण का निराकरण किया जाए और इस अवधि में स्थानांतरण स्थगित रहेगा।

सतना में अनुकंपा नियुक्त कर्मचारी का स्थानांतरण स्थगित

श्री मनीष कुमार पटेल सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत हैं। उनका स्थानांतरण 17 जून 2025 को वृत्त चित्रकूट, तहसील मझगवां से तहसील कोठी कर दिया गया था। उच्च न्यायालय, जबलपुर में श्री पटेल की ओर से दायर याचिका में पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि श्री पटेल ने तहसील मझगवां में तीन वर्ष का कार्यकाल भी पूर्ण नहीं किया है। इसके अतिरिक्त, अधिवक्ता ने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी और उनके परिवार में वृद्ध माता, दादाजी, छोटा भाई, पत्नी तथा छोटे बच्चों की जिम्मेदारी है। स्थानांतरण से उनके परिवार में अव्यवस्था उत्पन्न होगी। सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय, जबलपुर ने कलेक्टर, सतना को निर्देश दिया कि 30 दिनों के भीतर प्रकरण का निराकरण किया जाए और इस अवधि में स्थानांतरण स्थगित रहेगा।

बीमार मां के बेटे का 200 किलोमीटर दूर ट्रांसफर नहीं कर सकते: हाईकोर्ट

श्री ललित पांडे, ग्राम पंचायत सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उनका स्थानांतरण 16 जून 2025 को ग्राम पंचायत बम्होरी, जनपद पंचायत मझगवां, जिला सतना से 200 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पुरैना, जनपद पंचायत उचेहरा में कर दिया गया था। स्थानांतरण विवाद में श्री पांडे की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता के पिता का निधन 2024 में हो गया था। उनकी माता की आयु 71 वर्ष है और वे उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोग से पीड़ित हैं। इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता के छोटे बच्चे हैं और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन पर है। 200 किलोमीटर दूर स्थानांतरण से उनके परिवार में अव्यवस्था उत्पन्न होगी। साथ ही, यह भी बताया गया कि श्री पांडे के पास उनकी मूल पंचायत के अतिरिक्त एक अन्य पंचायत का प्रभार है, लेकिन उनके स्थान पर किसी अन्य का स्थानांतरण नहीं किया गया, जिससे स्थानांतरण की कोई प्रशासनिक आवश्यकता नहीं है। सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय, जबलपुर ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला पंचायत, सतना को निर्देश दिया कि वे एक माह के भीतर स्थानांतरण विवाद का निराकरण करें और तब तक स्थानांतरण स्थगित रहेगा।

DPI BHOPAL ने बीएलओ का ट्रांसफर कर दिया था, हाई कोर्ट द्वारा स्थापित

श्री देवेंद्र कुमार शरणागत प्राथमिक शिक्षक हैं। उनका स्थानांतरण 16 जून 2025 को शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला, उमरिया, विकासखंड परसवाड़ा से शासकीय प्राथमिक शाला, पाथरी, विकासखंड बैहर में कर दिया गया था। स्थानांतरण प्रकरण में श्री शरणागत की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर को बताया कि याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के अधीन बीएलओ के रूप में मतदाता सूची के संशोधन और पुनरीक्षण कार्य में संलग्न हैं। अतः, आयोग की अनुमति के बिना स्थानांतरण विधि-विरुद्ध है। सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने विभाग को 30 दिन का समय देते हुए प्रकरण के निराकरण का आदेश दिया। तब तक स्थानांतरण स्थगित रहेगा।

रायसेन में शिक्षक के कार्यकाल से पहले किया गया ट्रांसफर स्थगित

श्री राकेश सिंह राजपूत माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उनका स्थानांतरण 16 जुलाई 2025 को शासकीय माध्यमिक विद्यालय, बमोहारी, बासौदा, जिला रायसेन से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रानी खजूरी, जिला भोपाल में कर दिया गया था। श्री राजपूत की ओर से दायर याचिका में पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय के समक्ष बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्तमान स्थान पर तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण नहीं किया है और न ही उनकी कोई शिकायत है, न ही उन्होंने स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। श्री राजपूत की उच्च पद प्रभार पर पदस्थापना 2023 में हुई थी। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण के निराकरण का निर्देश दिया और स्थानांतरण को स्थगित कर दिया।

बालाघाट में सीएम राइज स्कूल के शिक्षक का ट्रांसफर अवैध, स्थगित

श्री लखन सिंह लिलहरे प्राथमिक शिक्षक के पद पर सीएम राइज स्कूल, खैरलांजी, जिला बालाघाट में 2022 में चयन के बाद पदस्थ हुए थे। उनका स्थानांतरण 20 जून 2025 को सीएम राइज स्कूल, कटंगी, जिला बालाघाट में कर दिया गया था। स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका में श्री लिलहरे की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर को बताया कि सीएम राइज स्कूल के चयनित शिक्षक को विज्ञापन के प्रावधान के अनुसार पांच वर्ष पूर्ण होने से पूर्व स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने तर्कों से सहमति जताते हुए स्थानांतरण को स्थगित कर दिया।

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