यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष तक पहुंचने में 1 मिनट की भी देरी कर दे तो उसे परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया जाता है लेकिन इस परीक्षा को आयोजित करने वाला मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल, परीक्षा कैलेंडर को फॉलो नहीं करता है। फिर भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। मंडल वाले कभी कोरोनावायरस और कभी चुनाव का बहाना बनाते थे, इस साल तो कोई बहाना भी नहीं है।
मंडल की ठगी का शिकार उम्मीदवार सरकार से बदला लेता है
परीक्षा कैलेंडर के अनुसार मध्य प्रदेश एम्पलाइज सिलेक्शन बोर्ड भोपाल को साल 2025 में 15 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करना था। अब तक 6 परीक्षाओं का आयोजन हो पाया है। शेष बची हुई आठ परीक्षाओं का नोटिफिकेशन तक जारी नहीं हुआ। उम्मीदवार इसलिए परेशान है क्योंकि मंडल द्वारा परीक्षा में देरी किए जाने से हर बार कुछ उम्मीदवार ओवर ऐज हो जाते हैं। यदि सही समय पर परीक्षा का आयोजन हो और उम्मीदवार सफल नहीं हो पाए तो उसे कोई दुख नहीं होता लेकिन यदि मंडल की तरफ से परीक्षा का आयोजन ही नहीं हो तो उम्मीदवार खुद को ठगा हुआ महसूस करता है और मंडल की लापरवाही का बदला चुनाव में सरकार के खिलाफ वोटिंग करके लेता है।
मंडल की मनमानी: प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा का पाठ्यक्रम बदल दिया
सरकारी स्कूलों के कुल 13089 पदों पर भर्ती के लिए प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। एक अगस्त तक आवेदन होंगे। 31 अगस्त से परीक्षाएं होने वाली हैं। परीक्षा में केवल डेढ़ माह का समय शेष है। इसी बीच में सावन का महीना और त्योहार भी है। इसके बावजूद मंडल ने अचानक पाठ्यक्रम बदल दिया। डेढ़ महीने का समय रिवीजन के लिए भी कम पड़ता है। ऐसे समय में पाठ्यक्रम का बदल देना, बिल्कुल ऐसा ही है जैसे मैदान में दौड़ रहे एथलीट को टंगड़ी अड़ा देना।