MPCG OBC आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट में आज की कार्यवाही का विवरण - मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विचाराधीन सभी मामलों को स्थानांतरित कराकर छत्तीसगढ़ राज्य के मामलों से जोड़ा गया है।

छत्तीसगढ़ ओबीसी आरक्षण विवाद क्या है?

मध्य प्रदेश के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में तत्कालीन कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार द्वारा आरक्षण की कुल सीमा 50% से बढ़ाकर 58% की गई थी। इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर सहमति जताते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट ने 58% आरक्षण को निरस्त कर दिया था। बिलासपुर हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ भूपेश बघेल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और हाई कोर्ट का आदेश स्थगित करा दिया। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अपील के अंतिम निर्णय तक 58% आरक्षण लागू करने का अंतरिम आदेश दिया। हालांकि, सरकार बदलने के बाद वर्तमान बीजेपी सरकार 58% आरक्षण लागू नहीं कर रही है, जिसके कारण अंतरिम आदेशों की अवमानना को लेकर अवमानना याचिकाएं भी दायर की गई हैं।

मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण विवाद क्या है

मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के लिए पैरवी कर रहे अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का कोई स्थगन आदेश नहीं है। फिर भी, बीजेपी सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण लागू नहीं कर रही है। विज्ञापनों में 27% आरक्षण की बात लिखी जाती है, लेकिन नियुक्तियां केवल 14% पर हो रही हैं, और 13% पद रिक्त रखे जा रहे हैं। ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने रिक्त पदों वाले अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।

कुल मिलाकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में ओबीसी को आरक्षण के लिए कोई विवाद नहीं है लेकिन 50% से अधिक आरक्षण दिए जाने पर विवाद है। इंदिरा साहनी मामले की बात पूरे देश में 50% आरक्षण के लिए सामाजिक स्वीकृति की स्थिति बन गई है लेकिन यही 50% एक लक्ष्मण रेखा भी बन गई है। 

ओबीसी आरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय में आज क्या हुआ

मध्य प्रदेश सरकार ने विभिन्न अंतरिम आदेशों का हवाला देकर कानून को स्थगित बताने का प्रयास किया है। इन अंतरिम आदेशों को निरस्त करने के लिए ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन और ओबीसी अभ्यर्थियों की ओर से हस्तक्षेप याचिकाएं और रिक्त करने के आवेदन दायर किए गए हैं। आज इन सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मौखिक उल्लेख के बाद कोर्ट ने इन्हें 22/07/25 को कोर्ट नंबर 7 में सूचीबद्ध किया है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!