MP जन भागीदारी कर्मचारी मामले में महाविद्यालयों द्वारा विधानसभा में भ्रामक जानकारी दी जा रही है

मध्य प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में विगत कई वर्षों से जनभागीदारी सहित अन्य निधियों से कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, जिनके भविष्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से स्थायी कर्मचारी किए जाने को लेकर विभाग द्वारा माह अक्टूबर 2023 में आदेश जारी किए जा चुके हैं। 

अवमानना लगने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा

इस संबंध में मध्य प्रदेश जन भागीदारी कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी हितेश गुरगेला ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश के कई महाविद्यालयों द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया। वहीं, जब जनभागीदारी कर्मचारी माननीय न्यायालय की शरण में गए और अवमानना लगने के बाद भी उक्त आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, तथा प्राचार्यों द्वारा सकारण आदेश जारी किए जा रहे हैं।

कई जिलों के महाविद्यालय प्राचार्य असत्य, भ्रामक जानकारी प्रेषित कर रहे हैं

जनभागीदारी कर्मचारियों के समर्थन में विधायकों द्वारा जब विधानसभा में प्रश्न क्रमांक 2121, 2122, 148, 2813 आदि उठाए गए, तो उक्त प्रश्नों पर कई जिलों के महाविद्यालय प्राचार्य असत्य, भ्रामक जानकारी प्रेषित कर रहे हैं। इसको लेकर संघ के प्रांतीय सचिव त्रिलोक जाटव ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित प्रमुख सचिव, आयुक्त उच्च शिक्षा, व प्रश्न उठाने वाले माननीय विधायकों तक शिकायती पत्र प्रेषित कर अवगत कराया है कि विधानसभा प्रश्नों की महाविद्यालय प्राचार्यों द्वारा गलत जानकारी प्रेषित की जा रही है, और ऐसे महाविद्यालय प्राचार्यों पर कार्रवाई की मांग की है।
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