आज दिनांक 22/07/2025 को सुप्रीम कोर्ट में OBC आरक्षण के प्रकरणों में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रकरण क्रमांक SLP (CIVIL) NO. 18816-18817/2022 से मध्य प्रदेश के प्रकरण जुड़े थे, जिनके क्रमांक T.C (C) NO. 16/2025, 10/2025, 06/2025, 15/2025, 14/2025, 07/2025, 12/2025, 11/2025 तथा WP (CIVIL) NO.606/2025 हैं। आज, दिनांक 22.07.2025 को माननीय न्यायमूर्ति जस्टिस नरसिम्हा एवं जस्टिस A.S. चंदुरकर की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई।
OBC आरक्षण: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मामलों में क्या अंतर है
मध्य प्रदेश में होल्ड OBC अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका क्रमांक WP (CIVIL) NO.606/2025 तथा सरकार द्वारा स्थानांतरित याचिका क्रमांक T.C (C) NO.07/2025 पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य के मामलों से उक्त दोनों मामले भिन्न हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य के आरक्षण कानून को हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किया गया है, जबकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा कानून को न तो निरस्त किया गया है और न ही हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे किया गया है। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार OBC को 27% आरक्षण की भर्तियों में विज्ञापन प्रकाशित तो कर रही है, लेकिन महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर 13% OBC के पदों को विभिन्न भर्तियों में होल्ड किया जा रहा है। अतः उक्त दोनों प्रकरणों की पृथक सुनवाई आवश्यक है।
OBC आरक्षण: छत्तीसगढ़ वाला अंतरिक्ष मध्य प्रदेश में भी लागू होगा?
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उक्त दोनों प्रकरणों की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित की है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उक्त प्रकरणों को छत्तीसगढ़ के प्रकरणों से पृथक करने का विरोध किया। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले सप्ताह पृथक सुनवाई कर यह निर्धारित किया जाएगा कि वास्तव में उक्त प्रकरण भिन्न हैं या नहीं। यदि प्रकरण में समानता पाई गई, तो छत्तीसगढ़ राज्य के प्रकरणों में पारित अंतरिम आदेश मध्य प्रदेश में भी लागू कर दिया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं एवं हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर, अधिवक्ता श्री वरुण ठाकुर, अधिवक्ता श्री विनायक प्रसाद शाह, AOR संदीप सिंह ने पक्ष रखा।
OBC आरक्षण: छत्तीसगढ़ में सुप्रीम कोर्ट का कौन सा अंतरिम आदेश जारी हुआ है लागू हुआ है
छत्तीसगढ़ में OBC आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई 2023 को एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार को 58% आरक्षण नीति (12% SC, 32% ST, और 14% OBC) को लागू करने की अनुमति दी गई थी। यह आदेश छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सितंबर 2022 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आधारित था, जिसमें हाई कोर्ट ने 2011 के संशोधन अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर 58% आरक्षण नीति को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कहा कि राज्य सरकार मौजूदा भर्ती और प्रवेश प्रक्रिया को 58% आरक्षण के आधार पर आगे बढ़ा सकती है, लेकिन यह प्रक्रिया अंतिम फैसले के अधीन होगी। इस आदेश के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार ने भर्तियों और शैक्षणिक संस्थानों में 58% आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया शुरू की।