मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को ट्रांसफर के नाम पर टॉर्चर किया जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा इस प्रकार के 7 ट्रांसफर आर्डर स्टे कर दिए गए। इसके अलावा एक महिला शिक्षक का स्थानांतरण मानवीय आधार पर स्थगित कर दिया गया। यह सभी मामले प्रमाणित करते हैं कि, शासन के नियम और नीतियों का मंत्रालय और सचिवालय के स्तर पर बैठे हुए अधिकारी किस प्रकार से दुरुपयोग कर रहे हैं। कर्मचारियों को परेशान होना पड़ रहा है। हाई कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और कर्मचारियों को परेशान करने वाले अधिकारी के खिलाफ एक नोटिस तक जारी नहीं होता।
कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से दो वर्ष पूर्व स्थानांतरित करना पेंशन नियमों का उल्लंघन
श्री छोटेलाल साहू और श्रीमती गीता साहू डिंडोरी जिले के शाहपुरा विकासखंड की प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान दोनों शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर 03/07/2025 को विकासखंड से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया था। दोनों शिक्षकों का सेवानिवृत्ति वर्ष 2026 के जुलाई और अक्टूबर माह में क्रमशः निर्धारित है। स्थानांतरण आदेश से प्रभावित होकर दोनों शिक्षकों ने उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका दायर की। उनकी ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि किसी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से दो वर्ष पूर्व स्थानांतरित करना पेंशन नियमों का उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ताओं को अतिशेष घोषित करने में युक्तियुक्तकरण नीति (दिनांक 27/08/2024) का भी उल्लंघन किया गया। सुनवाई के पश्चात, उच्च न्यायालय, जबलपुर ने दोनों शिक्षकों के अतिशेष स्थानांतरण आदेश (दिनांक 03/07/2025) को निरस्त कर दिया।
पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी तो अतिशेष नियम में छूट
श्रीमती अंजली चौधरी, माध्यमिक शिक्षक, शासकीय माध्यमिक विद्यालय, प्राचीन डिंडोरी में पदस्थ थीं। उनका अतिशेष स्थानांतरण माध्यमिक शाला, गोपालपुर, ब्लॉक करंजिया में जनजातीय कार्य विभाग की युक्तियुक्तकरण नीति (दिनांक 27/08/2024) के प्रावधानों के विपरीत 03/07/2025 को किया गया था। नीति के अनुसार, उसी स्कूल में पदस्थ अन्य महिला शिक्षक अतिशेष थीं, और श्रीमती चौधरी को उनके पति के डिंडोरी में पुलिस विभाग में पदस्थ होने के कारण अतिशेष घोषित किए जाने से छूट प्राप्त थी। उनकी ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने नीति के प्रावधानों को उजागर किया। उच्च न्यायालय, जबलपुर ने जिला कलेक्टर, डिंडोरी को श्रीमती चौधरी की अतिशेष विसंगति पर निर्णय लेने का आदेश दिया। जिला कलेक्टर के अंतिम निर्णय तक स्थानांतरण आदेश (दिनांक 03/07/2025) स्थगित रहेगा। इसके लिए 30 दिन का समय प्रदान किया गया।
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के ट्रांसफर आर्डर की वैलिडिटी
श्री अभिषेक पाठक, पटवारी, हल्का मलगुआ, तहसील बल्देवगढ़, जिला टीकमगढ़ में पदस्थ हैं। उनका स्थानांतरण तहसील दिगौड़ा, जिला टीकमगढ़ में 08/07/2023 को किया गया था। प्रशासनिक कारणों से उन्हें स्थानांतरण आदेश (दिनांक 08/07/2023) के अनुपालन में कार्यमुक्त नहीं किया गया था। किंतु, 03/07/2025 को उन्हें उक्त आदेश के आधार पर कार्यमुक्त कर दिया गया। श्री पाठक की ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर में पैरवी करते हुए बताया कि स्थानांतरण आदेश (दिनांक 08/07/2023) की वैधता समाप्त हो चुकी है, और दो वर्ष पुराने आदेश का पालन करने की कोई प्रशासनिक आवश्यकता नहीं थी। सुनवाई के पश्चात, उच्च न्यायालय, जबलपुर ने स्थानांतरण आदेश (दिनांक 08/07/2023) और कार्यमुक्ति आदेश (दिनांक 03/07/2025) को निरस्त कर दिया।
बिना आवेदन के शिक्षक का स्वैच्छिक स्थानांतरण स्थगित
श्री प्रशांत श्रीवास्तव, उच्च माध्यमिक शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मंडला में पदस्थ थे। उनका स्थानांतरण 18/06/2025 को कन्या शिक्षा परिसर, रायसेन में कथित स्वैच्छिक आधार पर किया गया था। उनकी ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर में पैरवी करते हुए बताया कि श्री श्रीवास्तव ने रायसेन के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था। उनका स्वैच्छिक स्थानांतरण भोपाल के लिए मांगा गया था। रायसेन में स्थानांतरण द्वेषपूर्ण है। सुनवाई के पश्चात, उच्च न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश को निर्देशों के साथ स्थगित कर दिया।
कर्मचारी नेता का ट्रांसफर स्थगित
श्री महेश कुमार लिलहरे, माध्यमिक शिक्षक, का स्थानांतरण 17/06/2025 को माध्यमिक विद्यालय, उमरिया, ब्लॉक परसवाड़ा, जिला बालाघाट से तहसील बैहर स्थित स्कूल में किया गया था। उनकी ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर में पैरवी करते हुए बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग की नीति के अनुसार, श्री लिलहरे को चार वर्ष की दो पदावधियों के लिए स्थानांतरण से छूट प्राप्त है। वे मध्य प्रदेश शिक्षक संघ, जो एक मान्यता प्राप्त संगठन है, के तहसील अध्यक्ष हैं। सुनवाई के पश्चात, उच्च न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश (दिनांक 17/06/2025) को निर्देशों के साथ स्थगित कर दिया। विभाग को श्री लिलहरे के प्रकरण में 30 दिन के भीतर नया निर्णय लेने का निर्देश दिया गया।
हाई कोर्ट मानवीय आधार पर भी स्थानांतरण स्थापित कर सकता है
श्रीमती कमल धुर्वे, विधवा महिला शिक्षक, ऐस सी हॉस्टल क्रमांक 2, बैतूल (जनजातीय कार्य विभाग) में पदस्थ, के स्थानांतरण (दिनांक 17/06/2025) को उच्च न्यायालय, जबलपुर ने मानवीय आधार पर स्थगित किया। श्री अश्वनी सिंह, शासकीय प्राथमिक विद्यालय, खरीखा, ब्लॉक जयसिंह नगर, जिला शहडोल में पदस्थ शिक्षक, के स्थानांतरण आदेश (दिनांक 14/06/2025) को उनके बीएलओ नियुक्त होने के आधार पर स्थगित किया गया। श्री अभय कुमार जैन, सहायक शिक्षक (स्कूल शिक्षा विभाग), दमोह में पदस्थ, का स्थानांतरण 16/06/2025 को किया गया था। चूंकि श्री जैन का 2024 में स्थानांतरण हो चुका था, उच्च न्यायालय ने उनके स्थानांतरण आदेश को स्थगित कर दिया। सभी शिक्षकों की ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने पैरवी की।