मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी नीति 2023 के विषय में स्पष्ट बातचीत हुई। भारतीय जनता पार्टी की महिला विधायक श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक द्वारा प्रश्न उठाया गया। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर द्वारा उत्तर प्रस्तुत किया गया। इसमें उन्होंने बताया कि, सरकारी योजनाएं मनरेगा, आजीविका मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं वाटरशेड आदि में संविदा नीति 2023 कब तक लागू होगी।
मध्य प्रदेश संविदा नीति पर सामान्य प्रशासन विभाग का उत्तर
राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने विधानसभा में कहा कि, संविदा नीति 2023 की कंडिका 11.4 एवं 11.5, मध्यप्रदेश शासन के नियमों के अंतर्गत आने वाले निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय, विश्व विद्यालय आयोग, विकास प्राधिकरण, बोर्ड, परिषद, संस्थाओं को इन दिशा निर्देशों के अनुसार अपने संविदा कर्मियों के लिए अनुकंपा नीति लागू करने के संबंध में अपने स्तर पर निर्णय लेने का नियम है। मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन आदि योजनाओं में भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। इन योजनाओं के प्रशासकीय संचालक मंडल में केन्द्र सरकार के भी सदस्य रहते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय ले लिया गया है। मैं आश्वासन देती हूं कि हम विभागों के माध्यम से संविदा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में शीघ्र समुचित निर्णय लेने हेतु निर्देश जारी कर देंगे।
MP संविदा नीति 2023: सरकार के उत्तर का निष्कर्ष
विधानसभा में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि संविदा नीति 2023 बनाना हमारे हाथ में था। हमारे सीधे नियंत्रण में आने वाले विभागों में हमने इसको लागू कर दिया है। केंद्र द्वारा अनुदान प्राप्त योजनाओं के संचालन के लिए नियुक्त किए गए संविदा कर्मचारियों को संविदा नीति 2023 का लाभ देना या नहीं देना उनके संचालक मंडल पर निर्भर करता है। सरकार निर्देश जारी कर सकती है, आदेश जारी नहीं कर सकती।