रजिस्ट्री (Registry) एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी प्रॉपर्टी (Property) का स्वामित्व (Ownership) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को स्थानांतरित किया जाता है। यह Indian Registration Act, 1908 के तहत नियंत्रित होती है और प्रॉपर्टी (Property) के नए मालिक (Owner) को कानूनी अधिकार प्रदान करती है। Registry ensures legal ownership transfer under Indian law.
रजिस्ट्री (Registry) के प्रकार
रजिस्ट्री (Registry) मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:
बिक्री विलेख (Sale Deed): यह सबसे आम प्रकार की रजिस्ट्री (Registry) है, जो प्रॉपर्टी (Property) के खरीदार और विक्रेता के बीच लेनदेन को दर्शाती है। इसमें प्रॉपर्टी (Property) का विवरण, खरीद मूल्य, भुगतान की शर्तें और मालिक (Owner) की जानकारी शामिल होती है।
दानपत्र (Gift Deed): यह रजिस्ट्री (Registry) तब की जाती है जब कोई व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी (Property) को किसी रिश्तेदार या अन्य व्यक्ति को उपहार में देता है। इसमें दानकर्ता, प्राप्तकर्ता, प्रॉपर्टी (Property) का विवरण और उपहार देने की शर्तें शामिल होती हैं।
विनिमय विलेख (Exchange Deed): यह रजिस्ट्री (Registry) तब की जाती है जब दो या दो से अधिक लोग अपनी प्रॉपर्टी (Property) का एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान करते हैं। इसमें प्रत्येक प्रॉपर्टी (Property) का विवरण और मूल्य की जानकारी शामिल होती है।
रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज
रजिस्ट्री (Registry) के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- पहचान प्रमाण
- बिक्री विलेख (Sale Deed)
- प्रॉपर्टी (Property) दस्तावेज
- NOC (No Objection Certificate)
- फोटोग्राफ
- स्टांप पेपर (Stamp Paper)
- पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)
- नामांतरण (Mutation)
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सिर्फ रजिस्ट्री (Registry) से नहीं मिलेगा अब प्रॉपर्टी (Property) का मालिकाना हक (Ownership)!
उपरोक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पष्ट किया कि किसी प्रॉपर्टी (Property) का वैध मालिकाना हक (Ownership) सिद्ध करने के लिए केवल रजिस्ट्री (Registry) पर्याप्त नहीं है। Possession, Power of Attorney (GPA), Agreement to Sale, और राजस्व अभिलेख (खसरा खतौनी (Khasra Khatauni), म्यूटेशन (Mutation), नामांतरण (Namantaran) आदि) भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
सावधानी: केवल रजिस्ट्री (Registry) देखकर प्रॉपर्टी (Property) न खरीदें। पहले मालिकाना हक (Ownership) के सभी दस्तावेज और कब्जे (Possession) की स्थिति जांचें, फिर रजिस्ट्री (Registry) प्रक्रिया करें। Always verify ownership documents and possession status before proceeding with property registration.
Summary
Understanding the registry process is crucial for anyone looking to buy or transfer a property in India. Governed by the Indian Registration Act, 1908, a registry ensures legal ownership transfer. However, the 2025 Supreme Court judgment in Mahnoor Fatima Imran & Ors. Vs. M/s Visweswara Infrastructure Pvt. Ltd. highlights that a registry alone does not guarantee property ownership. Buyers must verify possession, Power of Attorney, Sale Agreement, and revenue records like Khasra Khatauni and Mutation to secure their investment. लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article.
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।