नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने कमाल कर दिखाया है। इसने पहली बार हमारे सौरमंडल के बाहर एक ग्रह, जिसका नाम है TWA 7 b, की सीधी तस्वीरें खींची हैं। ये कोई मामूली बात नहीं है, क्योंकि एक्सोप्लैनेट (Exoplanet) आमतौर पर ज्यादा रोशनी नहीं छोड़ते, और वैज्ञानिक इन्हें ढूंढने के लिए तारों के सामने से गुजरने वाली परछाइयों का सहारा लेते हैं। लेकिन जेम्स वेब ने तो बिना किसी झोल-झाल के सीधे इस ग्रह की फोटो खींच डाली।
TWA 7 b: सौरमंडल से 100 प्रकाश वर्ष दूर का ग्रह
ये ग्रह, TWA 7 b, हमारे सूरज से 100 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका मतलब ये इतनी दूर है कि वहां से रोशनी को धरती तक पहुंचने में 100 साल लग जाते हैं। जबकि हमारे सूरज की रोशनी को धरती तक पहुंचने में सिर्फ 8 मिनट का समय लगता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ग्रह का आकार हमारे सौरमंडल के शनि ग्रह (Saturn) जितना है। ये अपने तारे से इतनी दूर है कि इसे एक चक्कर पूरा करने में सैकड़ों साल लगते हैं। हमारी धरती का तो एक चक्कर 365 दिन में पूरा हो जाता है, इसलिए हमारा 1 साल 365 दिन का होता है। लेकिन इस ग्रह का ऑर्बिटल पीरियड (Orbital Period) इतना लंबा है कि इसे घूमने में जमाना लग जाता है। यानी इसका 1 साल हमारे 100 साल के बराबर यह शायद इससे भी ज्यादा होता है।
यह कुछ खास क्यों है
पहली बार डायरेक्ट इमेजिंग: अब तक ज्यादातर एक्सोप्लैनेट को तारों की रोशनी या परछाई से ढूंढा जाता था। लेकिन जेम्स वेब ने तो इस ग्रह की साफ-सुफ तस्वीर खींच ली।
छोटा लेकिन खास: TWA 7 b उन ग्रहों से दस गुना छोटा है, जिनकी पहले कभी सीधी तस्वीर ली गई थी। इतने छोटे ग्रह को देखना आसान नहीं, क्योंकि तारे की चमक सब कुछ ढक लेती है।
युवा ग्रह: ये ग्रह और इसका तारा सिस्टम सिर्फ 60 लाख साल पुराना है। हमारे सूरज की उम्र 4.6 अरब साल है, तो ये ग्रह तो अभी बच्चा ही है।
कैसे किया गया ये कमाल?
A never-before-seen planet! 🪐
This is Webb’s first discovery of a planet using direct imaging. With a mass similar to Saturn, it’s also the lightest exoplanet yet seen using this technique! https://t.co/ptWcXlFfmW pic.twitter.com/XTGwIqgH8n
— NASA Webb Telescope (@NASAWebb) June 25, 2025
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डॉ. ऐनी-मैरी लग्रेंज (Dr. Anne-Marie Lagrange) की अगुआई में वैज्ञानिकों ने एक खास तकनीक इस्तेमाल की। उन्होंने टेलीस्कोप में एक ऐसा एटैचमेंट लगाया, जो सूरज के ग्रहण (Solar Eclipse) जैसा असर करता है। इससे तारे की तेज रोशनी कम हुई और आसपास के ग्रह को देखना आसान हो गया। इस तकनीक की बदौलत TWA 7 b एक चमकते स्रोत के रूप में दिखा, जिसके आसपास मलबे की एक पतली सी रिंग भी थी। हालांकि, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बहुत कम संभावना है कि ये कोई बैकग्राउंड गैलेक्सी हो, लेकिन सारे सबूत यही कहते हैं कि ये एक नया ग्रह ही है।
James Webb का जलवा
जेम्स वेब टेलीस्कोप कोई नया नाम नहीं है। हाल ही में इसने आइंस्टीन रिंग (Einstein Ring) नाम की एक ब्रह्मांडीय घटना की तस्वीर खींची थी, जिसमें एक गैलेक्सी की रोशनी दूसरी गैलेक्सी के गुरुत्वाकर्षण से मुड़ जाती है। पिछले साल इसने अब तक की सबसे दूर की गैलेक्सी को भी देखा था। अब TWA 7 b की खोज ने इस टेलीस्कोप को और मशहूर कर दिया है।
एक्सोप्लैनेट की दुनिया
सबसे पहला एक्सोप्लैनेट 1992 में खोजा गया था। तब से अब तक लगभग 6,000 एक्सोप्लैनेट्स ढूंढे जा चुके हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर को सीधे देखा नहीं गया। जेम्स वेब की इस खोज ने डायरेक्ट इमेजिंग (Direct Imaging) के क्षेत्र में नया कीर्तिमान बनाया है।
आम आदमी के लिए इसका मतलब
ये खोज सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए नहीं, बल्कि हम जैसे आम लोगों के लिए भी रोमांचक है। सोचिए, अगर हम ऐसे ग्रहों को ढूंढ सकते हैं, तो शायद एक दिन वहां जीवन की संभावना भी तलाशी जा सकती है। TWA 7 b भले ही अभी ठंडा और दूर का ग्रह हो, लेकिन ये हमें बताता है कि ब्रह्मांड में कितने राज छिपे हैं।