मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने थानों में पुलिस कर्मचारियों की पदस्थापना (Police Posting) और स्थानांतरण (Police Transfer) के संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं। यह कदम पुलिस की कार्यप्रणाली (Police Functioning) को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
समस्त पुलिस अधीक्षकों के नाम प्रमुख निर्देश और समय-सीमा
पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा जारी इस परिपत्र (कं०-पुमु/3/कार्मिक/1520/2025, दिनांक 10/06/2025) में पुलिस कर्मचारी स्थानांतरण नीति (Police Transfer Policy) के पालन पर जोर दिया गया है, ताकि पुलिस प्रशासन (Police Administration) में कार्यक्षमता बढ़े और जनता की शिकायतें कम हों। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने थाना स्तर (Police Station Level) पर आरक्षक (Constable) से उपनिरीक्षक (Sub-Inspector) तक के कर्मचारियों की पदस्थापना अवधि को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
पदस्थापना अवधि (Posting Tenure): किसी भी कर्मचारी की एक थाने में एक पद पर सामान्यतः 4 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष तक की पदस्थापना होगी।
पुनः पदस्थापना पर रोक (No Reposting): 5 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद उसी थाने में उसी पद पर कर्मचारी को पुनः नियुक्त नहीं किया जाएगा।
पुनः पदस्थापना में अंतराल (Gap in Reposting): किसी कर्मचारी को एक ही थाने में अलग-अलग पदों पर पुनः नियुक्ति के लिए कम से कम 3 वर्ष का अंतराल अनिवार्य होगा।
अनुविभाग में कुल अवधि (Total Tenure in Subdivision): एक अनुविभाग में विभिन्न पदों पर कर्मचारी की कुल पदस्थापना 10 वर्ष से अधिक नहीं होगी। इसमें स्थानांतरण (Transfer) और अटैचमेंट (Attachment) की अवधि भी शामिल होगी।
प्रतिवेदन की समय-सीमा (Reporting Deadline): सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने थानों में कर्मचारियों की पदस्थापना अवधि (Tenure of Posting) का तत्काल परीक्षण करें और 16 जून 2025 तक सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कार्मिक) को ई-मेल (aig_admin2@mppolice.gov.in (mailto:_admin2@mppolice.gov.in)) पर प्रतिवेदन भेजें।
MP Police Transfer Policy उद्देश्य और महत्व
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, लंबे समय तक एक ही थाने में पदस्थ रहने से कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है और जनता में असंतोष की संभावना बढ़ सकती है। इस पुलिस स्थानांतरण नीति (Police Transfer Policy 2025) का मुख्य उद्देश्य पुलिस सुधार (Police Reforms) और पारदर्शिता (Transparency) को बढ़ावा देना है। विशेष महानिदेशक (प्रशासन), आदर्श कटियार ने इस परिपत्र को पुलिस महानिदेशक की स्वीकृति के बाद जारी किया है।
पूर्व में जारी निर्देशों का उल्लंघन
पुलिस मुख्यालय ने संदर्भित परिपत्रों (दिनांक 15.01.2021 और 30.03.2015) का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ इकाइयों द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इस कारण पुनः सख्ती बरतते हुए यह नया परिपत्र जारी किया गया है। यह कदम मध्यप्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी (Effective) बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
जनता और पुलिस प्रशासन के लिए लाभ
बेहतर कार्यक्षमता (Improved Efficiency): नियमित स्थानांतरण से कर्मचारियों में नई ऊर्जा और प्रेरणा आएगी।
जनता का विश्वास (Public Trust): पारदर्शी और समयबद्ध स्थानांतरण नीति से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
शिकायतों में कमी (Reduced Complaints): लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहने से उत्पन्न होने वाली शिकायतों में कमी आएगी।
MP NEW Police Transfer Policy - निष्कर्ष
मध्यप्रदेश पुलिस का यह कदम पुलिस प्रशासन सुधार (Police Administration Reforms) की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पुलिस स्थानांतरण नीति 2025 (Police Transfer Policy 2025) के तहत लागू किए गए ये नियम न केवल पुलिस कर्मचारियों (Police Personnel) की कार्यक्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि मध्यप्रदेश पुलिस सेवा (Madhya Pradesh Police Service) को और अधिक जनोन्मुखी बनाएंगे। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशों का कड़ाई से पालन करने और समय-सीमा के भीतर प्रतिवेदन जमा करने का आदेश दिया गया है।