मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग के अंतर्गत राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आम नागरिकों को वर्षा काल में स्नेक बाइट से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार से, संभावित सर्पदंश से बचा जा सकता है। लोगों को इसके लिए किस प्रकार सतर्क रहना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है, कृपया अधिक से अधिक लोगों के बीच में शेयर करें, यदि आपका छोटा सा प्रयास किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है तो यह अपने आप में एक मूल्यवान नेक कार्य होगा।
जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए हर कलेक्टर को 23-23 लाख
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गृह विभाग ने वर्षाकाल के दृष्टिगत सर्पदंश की घटनाओं के नियंत्रण एवं बेहतर प्रबंधन के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को आवश्यक तैयारी एवं जन जागरूकता सुनिश्चित करने के लिये निर्देश जारी किये हैं। सर्प-दंश स्थानीय आपदा घोषित है, इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए हर ज़िले के लिए 23.17 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि का उपयोग प्रशिक्षण, जन-जागरूकता, मॉक ड्रिल, उपकरण की व्यवस्था और प्रचार-प्रसार जैसे कार्यों में किया जाएगा।
सर्पदंश से बचाव के लिए सावधानियाँ एवं सलाह - Precautions and advice to prevent snakebite
जन सामान्य को सलाह दी गई है कि वे वर्षा ऋतु में विशेष सतर्कता बरतें। खेतों में कार्य करते समय जूते-मोज़े पहनें, गहरे रंग के कपड़े पहनें और हाथों में दस्ताने लगाएं। झाड़ियों, पुआल के ढेर, लकड़ी के गट्ठर आदि स्थानों में काम करने से पहले वहां डंडे या लाठी से हल्का प्रहार करें। अंधेरे में टॉर्च का उपयोग करें और बच्चों को बिना देखरेख खुले स्थानों पर न भेजें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियाँ काटें और कूड़ा-कचरा हटाएं। घरों की दीवारों में मौजूद दरारें बंद करें और खुले में सोने से परहेज़ करें। यदि किसी को सर्प ने डस लिया हो तो घबराएं नहीं, शरीर को शांत रखें और तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुँचें। घाव को चाकू से काटना, चूसना या उस पर कोई रसायन लगाना अत्यंत हानिकारक है। झाड़-फूंक, टोना-टोटका या तांत्रिक क्रियाओं में समय न गंवाएं। यह समय जीवन रक्षक हो सकता है, इसलिए हर क्षण अमूल्य है।
सर्पदंश ग्रसित व्यक्ति को यथाशीघ्र अस्पताल ले जाएं। यदि संभव हो तो सांप का रंग, लंबाई या कोई चित्र याद रखें लेकिन उसे मारने या पकड़ने का प्रयास न करें, क्योंकि इससे और खतरा हो सकता है। कई बार सांप विषैला नहीं भी होता, पर उपचार में देर जानलेवा साबित हो सकती है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे सर्प-दंश से संबंधित इस आपदा को गंभीरता से लें। शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंध तभी प्रभावी होंगे जब नागरिक स्वयं भी सावधानी बरतेंगे, समय पर उपचार लेंगे और जागरूकता फैलाने में सहयोग करेंगे। संयुक्त प्रयासों से ही सर्पदंश से होने वाली जनहानि को नियंत्रित किया जा सकता है।