जीतू पटवारी मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष से प्रदेश अध्यक्ष जरूर बन गए हैं परंतु पार्टी में उनकी पावर नहीं बढ़ी। आज भी वह अपनी मर्जी से एक जिला अध्यक्ष नियुक्त नहीं कर सकते हैं। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, अरुण यादव और अजय सिंह राहुल के बीच में तनातनी के चलते राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। यहां तक की जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी राहुल गांधी की टीम करेगी।
संगठन सृजन अभियान के नाम पर पार्टी का जिला स्तरीय ऑडिट होगा
राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत की। प्रदेश में यह अभियान 10 जून से शुरू होकर 30 जून तक चलेगा। इसके लिए कांग्रेस ने आब्जर्वरों को एक-एक जिले की जिम्मेदारी सौंपी है। राहुल ने 6 घंटे में चार अलग-अलग बैठकें की। रविंद्र भवन में ब्लॉक-जिला अध्यक्षों को संबोधित करते हुए उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने की बात कही।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पर अब डायरेक्ट राहुल गांधी का कंट्रोल
मध्य प्रदेश में ऑब्जर्वर बनाई गई उत्तर प्रदेश की विधायक अनुराधा मिश्रा मोना ने कहा कि संगठन सृजन का यह अभियान राहुल गांधी के नेतृत्व में और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मार्गदर्शन में यह शुरू हो रहा है। हम लोगों को एक-एक जिले की जिम्मेदारी दी गई है। हम इसका गठन करके एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) को रिपोर्ट सौपेंगे। हम वहां की वास्तविकता और पार्टी की विचारधारा के हिसाब से पैनल सामने रखेंगे।
विधायक आरिफ मसूद ने राहुल गांधी के प्लान में बड़ी गड़बड़ी बताई
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि पर्यवेक्षकों के जरिए संगठन को मजबूत करने और जिला अध्यक्षों के चयन की बात कही जा रही, लेकिन यदि ऑब्जर्वर कहीं भेदभाव करेंगे तो उनके ऊपर क्या कार्रवाई की जाएगी। इस पर राहुल गांधी ने संगठन महामंत्री के वेणुगोपाल से कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है। इस नोट किया जाए और यदि कहीं ऐसी शिकायत है तो उसे पर संज्ञान लिया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश में 10 कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और उमंग सिंघार का विकल्प
विधायकों की बैठक में सेमरिया के अभय मिश्रा ने राहुल गांधी से कहा- हमें मध्यप्रदेश में कोई ऐसा नेता नहीं नजर आता, जिसके भरोसे हम चुनाव जीत पाए। इस पर राहुल गांधी ने कहा- आपको भले नजर न आते हों...लेकिन मुझे 10 ऐसे नेता नजर आते हैं, जो मध्यप्रदेश में नेतृत्व करने की क्षमता और सरकार बनाने का माद्दा रखते हैं। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) और उसके बाद विधायकों की बैठक ली थी। PAC की बैठक में नकुलनाथ शामिल नहीं हुए।
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