मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में पिछले 6 महीना से लगातार जातिवाद की आग भड़काने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने आज ग्वालियर में बुधवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा “संविधान सत्याग्रह” और महा-उपवास कार्यक्रम के दौरान न केवल विवादित बल्कि भड़काऊ बयान भी दिया।
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा का आपत्तिजनक बयान
कार्यक्रम के दौरान मंच से पूर्व मंत्री सज्जन सिंह ने कहा कि, ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर जी की प्रतिमा लगाने का BJP के छुटभैया वकील विरोध कर रहें हैं, इनके दादा परदादा भी नही रोक पाएंगे। मोहन यादव को अपने हाथों से मूर्ति लगाना पड़ेगी। हाईकोर्ट में बाबा साहब की मूर्ति नहीं लगेगी तो क्या नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाओगे? मोहन यादव जाग जाओ, एक सप्ताह में मूर्ति लगाओ नहीं तो इस सैलाब के आगे तुम भी नहीं रह पाओगे।
इस बयान में आपत्तिजनक क्या है
छुटभैया वकील - वकील कभी छुटभैया और बड़भैया नहीं होता, वह केवल अधिवक्ता होता है। अधिवक्ताओं के समर्थन या विरोध के लिए अधिवक्ताओं को ही सामने आना चाहिए। मामला न्यायालय परिसर का है। न्यायालय परिसर कोई पॉलिटिकल ग्राउंड नहीं है। "छुटभैया वकील" शब्द का प्रयोग आपत्तिजनक है।
इनके दादा परदादा भी नही रोक पाएंगे - मूर्ति स्थापना को बार एसोसिएशन द्वारा रोका गया है। उन्हें मूर्ति से नहीं बल्कि मूर्ति स्थापित करने के तरीके से आपत्ति है। "इनके दादा परदादा भी नही रोक पाएंगे" यह वाक्य, ध्वनि करता है कि हाईकोर्ट परिसर में न्यायालय प्रशासन और बार एसोसिएशन की मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती मूर्ति लगाई जाएगी।
इस सैलाब के आगे तुम भी नहीं रह पाओगे - ग्वालियर शहर की जमीन पर इन शब्दों का सबसे पहला और सामान्य अर्थ यह होता है कि, सरकार के खिलाफ हिंसा करके तख्ता पलट किया जाएगा।
हालांकि इसके अलावा भी कार्यक्रम में कई आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। कुछ नेताओं के बीच में एक प्रकार की प्रतिस्पर्धा चल रही थी। कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने कहा कि, मैं RSS के लोगों को लठ मारकर भगा देता हूं। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी में हमेशा की तरह डॉक्टर मोहन यादव के खिलाफ अपना पूर्वाग्रह प्रकट किया।