BHOPAL NEWS - अवैध किराए पर चल रहा जर्जर सरकारी आवास गिरा, युवक की मौत

जब कोई भवन जर्जर हो जाता है, तो नियम के अनुसार उसे ध्वस्त कर दिया जाता है परंतु मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगभग 50 साल पुराने सैकड़ो सरकारी आवास जर्जर घोषित तो किए गए लेकिन उन्हें ध्वस्त नहीं किया गया बल्कि अवैध रूप से किराए पर दे दिया गया। आज एक ऐसे ही आवास का एक हिस्सा बारिश के कारण गिर गया। जिसके कारण जर्जर सरकारी आवास में अवैध रूप से रखे गए किराएदार युवक की मृत्यु हो गई। 

घटना का विवरण

यह घटना भोपाल के टीटी नगर ओल्ड एमएलए क्वार्टर के पिछले हिस्से में बने जर्जर सरकारी आवास की है।एसीपी टीटी नगर अनीता खातरकर ने बताया कि डायल 100 पर मिली सूचना के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी। मलबे के अंदर व्यक्ति दबे होने की सूचना मिली। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने करीब आधे घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन चलाया। युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। एसीपी की मुताबिक कई वर्ष पहले इलाके में बने सरकारी आवासों को जर्जर घोषित किया जा चुका है। लिहाजा खाली मकानों में कोई नहीं रहता है। 

पिता रिटायर्ड कर्मचारी, अयोध्या बायपास में रहते हैं

डॉक्टर अर्चना शर्मा टीटी नगर एसडीएम ने बताया कि पचास साल पुराना मकान है। मकान नंबर 12/21 में हादसा हुआ है। रेस्क्यू करने के बाद अमित को अस्पताल पहुंचाया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अमित के पिता अयोध्या बाइपास में रहते हैं। वे रिटायर्ड शासकीय कर्मचारी हैं। इसी मकान में रहा है, लिहाजा इसी मकान में अकेला रह रहा था। दस साल पहले मकान को जर्जर घोषित किया जा चुका है।

हादसा हो गया तो मकान तोड़ने लगे

एसडीएम ने बताया कि हादसे के बाद चार जेसीबी मशीने बुला ली हैं। जहां हादसा हुआ उस मकान सहित पास के चार अन्य मकान तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। सभी मकान पहले ही जर्जर थे, हादसे के मद्देनजर पहले ही आस पास के अन्य मकानों को तोड़ने का काम जारी था। इन मकानों को तोड़ा जाता इससे पहले ही हादसा हो गया।

मासूम विधायक पत्र लिख रहे हैं

हादसे के बाद स्थानीय विधायक भगवानदास सबनानी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि अमित कुमार मकान में अवैध रूप से रह रहा था। हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे हादसे भविष्य में न हों इसके लिए प्रशासन को पत्र लिख रहे हैं। जिससे जर्जर इमारतों को जमींदोज किया जा सके। 

भोपाल में जर्जर सरकारी भवन अपराधियों को किराए पर दिए जाते हैं?

यहां एक बार फिर से बताना जरूरी है कि, जर्जर भवन को ध्वस्त करना और भवन के जर्जर घोषित हो जाने से लेकर उसको ध्वस्त करने तक, उसमें किसी भी प्रकार के व्यक्ति का प्रवेश रोकना, कानूनी जिम्मेदारी है और जरूरी है। इस काम के लिए किसी विधायक के पत्र की जरूरत नहीं है। युवक की मृत्यु संबंधित अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही के कारण हुई है। एसडीएम से लेकर विधायक तक किसी के पास कोई मेडिकल रिपोर्ट नहीं है लेकिन मरने वाले युवक को विक्षिप्त बताया जा रहा है। एक साजिश के तहत मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है ताकि किसी का भी ध्यान उस माफिया की तरफ ना जाए जो खाली पड़े, जर्जर घोषित, सरकारी भवनों को अवैध गतिविधियों के लिए किराए पर देते हैं। स्थानीय विधायक का बयान स्पष्ट करता है कि माफिया को राजनीतिक संरक्षण भी है। 

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