Bhopal Samachar - सभी कर्मचारियों का Data Verification, पढ़िए 230 करोड़ के घोटाले में क्या सबूत मिले

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जिसे मध्य प्रदेश का सनसनीखेज घोटाला बता रहे थे, उसकी असलियत सामने आ गई है। 230 करोड़ तो दूर की बात, ₹230 का घोटाला भी नहीं मिला। कारण भी पता चल गया है कि, पिछले 6 महीने से लगभग 50000 कर्मचारियों की सैलरी IFMIS Treasury System से ट्रांसफर क्यों नहीं हुई थी।

कुल 44,810 कर्मचारियों का Salary Withdraw नहीं हुआ

मध्य प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने बताया कि प्रदेश में आयुक्त कोष और लेखा द्वारा गठित State Financial Intelligence Cell (SFIC) द्वारा विभिन्न Data Sets का Testing और Analysis लगातार किया जा रहा है। Good Governance के लिए सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई में IFMIS Data से पता चला कि प्रदेश में 36,026 Regular और 8,784 Non-Regular, कुल 44,810 कर्मचारियों का Salary Withdraw नहीं किया गया है। 

Salary Withdraw नहीं होने का कारण भी पता चला

Salary Withdraw न होने के कारणों का पता लगाने के लिए निर्देश जारी किए गए। जांच में सामने आया कि Resignation देने वाले, Retirement करने वाले, Deputation पर जाने वाले, बिना Employee Code वाले और मृत कर्मचारियों का Data समय पर Update न होने से Data Mismatch हुआ है। सरकार स्तर पर इनकी वास्तविक संख्या जानने और IFMIS में DDO तथा Treasury Officers के माध्यम से Database Update करने के लिए सभी DDO को Treasury Officers के जरिए जानकारी एकत्र करने और भविष्य में सभी Entries समय पर करने के निर्देश दिए गए हैं। 

घोटाला नहीं सिस्टम की गड़बड़ी है, कमिश्नर के बयान से स्पष्ट हुआ

आयुक्त कोष और लेखा ने बताया कि इस संबंध में उन Regular और Non-Regular कर्मचारियों की Data संबंधी जानकारी प्राप्त की गई है, जिनका Salary IFMIS Treasury System से Withdraw नहीं हुआ है (यह Deputation, Local Bodies आदि अन्य Systems से Withdraw हो सकता है)। इसके साथ अन्य संभावित कारणों को DDO के माध्यम से एकत्र किया गया है। आयुक्त कोष और लेखा ने बताया कि DDO से Verification के बाद Analysis में अभी तक कोई संदिग्ध कर्मचारी नहीं पाया गया है। सभी DDO को Employee Code के साथ उचित Flagging करने और Exit Entry आदि के माध्यम से Database Update करने के निर्देश दिए गए हैं।

DDO की लापरवाही के कारण कांड हो गया

उप मुख्यमंत्री और Finance Minister श्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों का Data Verification किया गया है और अभी तक कोई भी कर्मचारी संदिग्ध नहीं पाया गया है, यानी किसी कर्मचारी को नियमों के खिलाफ कोई Financial Benefit नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि, प्रदेश के सभी कर्मचारियों के Data को समय पर Update करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि Data Update में देरी होने पर संबंधित DDO की जिम्मेदारी तय की जाएगी। 

जो भी होता है अच्छे के लिए होता है

उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने बताया कि Data Cleaning एक निरंतर प्रक्रिया है, जिससे Retirement, Deputation पर रहने वाले, मृत कर्मचारियों और अन्य स्थानों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों का Data Update किया जाता है। श्री देवड़ा ने बताया कि Data Cleaning के बाद IFMIS NEXT GEN में Data Migration करना आसान होगा, जिससे Accurate Data की Feeding हो सकेगी। 

जीतू पटवारी ने भोपाल समाचार को ठीक से पढ़े बिना ही बयान दे डाला 

इस मामले को सबसे पहले भोपाल समाचार डॉट कॉम द्वारा उठाया गया था। स्पष्ट बताया गया था कि IFMIS में गड़बड़ी मिली है। 50000 कर्मचारियों की सैलरी IFMIS के माध्यम से ट्रांसफर की जानी चाहिए थी जो पिछले 4 महीने से नहीं हुई है। (यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं)। यह भी बताया था कि, Commissioner of Treasury and Accounts ने नोटिस जारी कर संबंधित अधिकारियों से इसका कारण पूछा है। यानी स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने समाचार को ठीक से नहीं पढ़ा और अति उत्साह में कोई अजीब सा कैलकुलेशन करके 230 करोड़ रुपए के घोटाले आरोप लगा दिया। उनकी PR एजेंसी ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया। किसी ने "कान" चेक नहीं किया। कहीं से आवाज आई कि "कौवा कान ले गया" और सब कौवे के पीछे भागने लगे।

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