भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के Minimum Support Price (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी है। यह निर्णय किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए लिया गया है, जो सरकार की agriculture support नीति का हिस्सा है।
खरीफ फसलों के लिए नया MSP
सरकार ने खरीफ फसलों के MSP में उल्लेखनीय वृद्धि की है। सबसे अधिक वृद्धि रामतिल के लिए 820 रुपये प्रति क्विंटल, रागी के लिए 596 रुपये प्रति क्विंटल, कपास (मध्यम रेशे) के लिए 589 रुपये प्रति क्विंटल और तिल के लिए 579 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। अन्य फसलों में धान (सामान्य) का MSP 2369 रुपये और ग्रेड ए धान का 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। ज्वार (हाइब्रिड) का MSP 3699 रुपये, मालदंडी ज्वार का 3749 रुपये, बाजरा का 2775 रुपये और मक्का का 2400 रुपये प्रति क्विंटल है।
दलहन फसलों में तूर/अरहर का MSP 8000 रुपये, मूंग का 8768 रुपये और उड़द का 7800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। तिलहन फसलों में मूंगफली का MSP 7263 रुपये, सूरजमुखी के बीज का 7721 रुपये, सोयाबीन (पीला) का 5328 रुपये और तिल का 9846 रुपये प्रति क्विंटल है। रामतिल का MSP 9537 रुपये और कपास (लंबे रेशे) का 8110 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
उत्पादन लागत पर मार्जिन
यह MSP वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें MSP को उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना तय करने का प्रावधान है। बाजरा के लिए सबसे अधिक 63 प्रतिशत margin का अनुमान है, जबकि मक्का, तूर और उड़द के लिए क्रमशः 59, 59 और 53 प्रतिशत margin है। शेष फसलों के लिए 50 प्रतिशत margin सुनिश्चित किया गया है। उत्पादन लागत में मानव श्रम, मशीन श्रम, बीज, उर्वरक, सिंचाई और अन्य खर्च शामिल हैं।
दलहन, तिलहन और पोषक अनाज को बढ़ावा
सरकार हाल के वर्षों में अनाज के अतिरिक्त pulses, oilseeds और nutri-cereals (श्री अन्न) की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इन फसलों के लिए उच्च MSP निर्धारित कर किसानों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। रागी का MSP 2013-14 की तुलना में 226 प्रतिशत, रामतिल का 172 प्रतिशत और ज्वार का 147 प्रतिशत बढ़ा है।
खरीद और भुगतान में वृद्धि
वर्ष 2014-15 से 2024-25 के दौरान धान की खरीद 7608 लाख मीट्रिक टन (LMT) रही, जबकि 2004-05 से 2013-14 में यह 4590 लाख मीट्रिक टन थी। इसी तरह, 14 खरीफ फसलों की खरीद 2014-15 से 2024-25 में 7871 लाख मीट्रिक टन रही, जो 2004-05 से 2013-14 की 4679 लाख मीट्रिक टन से काफी अधिक है।
इस अवधि में धान उत्पादक किसानों को 14.16 लाख करोड़ रुपये और 14 खरीफ फसलों के लिए 16.35 लाख करोड़ रुपये का MSP payment किया गया, जो 2004-05 से 2013-14 की तुलना में क्रमशः 4.44 लाख करोड़ और 4.75 लाख करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
किसानों के लिए लाभ
यह MSP वृद्धि farmer welfare और agricultural growth को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का यह प्रयास sustainable farming को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में है।
खरीफ फसलों के MSP 2025-26 की प्रमुख बातें:
सबसे अधिक वृद्धि: रामतिल (820 रुपये/क्विंटल), रागी (596 रुपये), कपास (589 रुपये), और तिल (579 रुपये) के MSP में सर्वाधिक वृद्धि।
प्रोत्साहन: सरकार दालों, तिलहन, और पोषक अनाज (nutri-cereals) की खेती को बढ़ावा देने के लिए उच्च MSP दे रही है।
खरीद और भुगतान: 2014-15 से 2024-25 में धान की खरीद 7608 लाख मीट्रिक टन और 14 खरीफ फसलों की 7871 लाख मीट्रिक टन। इस अवधि में किसानों को 16.35 लाख करोड़ रुपये का MSP payment किया गया है।
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