मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के बाद अजीब तरह के डॉक्टर दिखाई देने लगे हैं। आए दिन डॉक्टरों द्वारा गुंडागर्दी के मामले सामने आ रहे हैं। आज शहडोल में डॉक्टर सचिन कारकुर का वीडियो वायरल हुआ। वह अस्पताल परिसर में अवैध हथियार लेकर घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में लिखा है कि, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करने आई टीम पर हमला करने के लिए हथियार उठाया था। डॉक्टर का कहना है कि सफाई करने के लिए हथियार उठाया था।
शहडोल अस्पताल में तनाव: जांच टीम पर धारदार हथियार से हमला
शनिवार की शाम शहडोल के धनपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चौंकाने वाली घटना घटी। एक जांच टीम, जो financial irregularities की शिकायतों की जांच के लिए पहुंची थी, बीजेपी नेता सूर्यप्रकाश रजक को बयान देने के लिए बुलाया गया था तभी अचानक डॉ. सचिन कारकुर (जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत हुई है) धारदार हथियार (बका) लेकर आ गए। डर के मारे जांच टीम के दोनों सदस्य और सूर्यप्रकाश ने भागकर अपनी जान बचाई। यह घटना अस्पताल परिसर में अचानक तनाव का कारण बन गई।
शिकायत से शुरू हुआ विवाद
बीजेपी के धनपुरी मंडल उपाध्यक्ष सूर्यप्रकाश रजक ने धनपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में financial mismanagement और अन्य अनियमितताओं की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की थी। उनकी शिकायत के आधार पर सीएमएचओ कार्यालय ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की, जो अस्पताल में investigation के लिए पहुंची। सूर्यप्रकाश को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। लेकिन इस जांच ने एक अप्रत्याशित और खतरनाक मोड़ ले लिया।
डॉक्टर का गुस्सा: हथियार लेकर आया
जांच के दौरान बयान दर्ज कराते समय डॉ. सचिन कारकुर अचानक जांच टीम के सवालों से भड़क गए। गुस्से में उन्होंने धारदार हथियार (बका) निकाला और जांच टीम के साथ-साथ सूर्यप्रकाश की तरफ आगे बढ़ने लगा। इस डरावनी स्थिति में जांच टीम और सूर्यप्रकाश को अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल परिसर से भागना पड़ा। जांच टीम के सदस्य डॉ. एसडी कवर ने तुरंत धनपुरी पुलिस को इस violent incident की सूचना दी।
पुलिस की प्रतिक्रिया: जांच शुरू
धनपुरी थाना प्रभारी खेम सिंह पेन्द्रो ने बताया कि उन्हें घटना की शिकायत मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक विवाद शांत हो चुका था। पुलिस ने CCTV footage की जांच शुरू की है और बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने hospital safety और staff accountability को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डॉक्टर की दलील: कचरा हटाने के लिए हथियार लाया था
डॉ. सचिन कारकुर ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने हथियार अस्पताल परिसर में waste management के लिए उठाया था, न कि किसी को धमकाने के लिए। उनका आरोप है कि जांच टीम बिना किसी official authorization letter के आई थी, इसलिए उन्होंने बयान देने से इनकार किया। यह दावा विवाद को और जटिल बनाता है, क्योंकि जांच टीम की वैधता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
भ्रष्टाचार की शिकायत और जांच का आधार
सूर्यप्रकाश रजक ने डॉ. सचिन कारकुर के खिलाफ financial irregularities, कर्मचारियों के साथ harassment, और negligence in government duties की शिकायत की थी। इसके अलावा, Right to Information Act के तहत भी जानकारी मांगी गई थी। सीएमएचओ ने इन गंभीर आरोपों को देखते हुए जांच टीम भेजी थी। जांच के दौरान डॉ. सचिन का आक्रामक व्यवहार और हथियार उठाना इस मामले को और गंभीर बना देता है। साथ ही, उनके transfer के लिए विधायक को आवेदन भी दिया गया था।
डॉक्टर का इतिहास: लापरवाही के आरोप
डॉ. सचिन कारकुर पिछले दो साल से धनपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं। इससे पहले वे बुढ़ार में बीएमओ के पद पर दो बार रह चुके हैं। लेकिन negligence और लगातार शिकायतों के कारण उन्हें बीएमओ पद से हटाकर धनपुरी अस्पताल भेजा गया था। यह घटना उनके professional conduct पर और सवाल उठाती है, जिससे healthcare administration में सुधार की मांग तेज हो रही है।
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