जबलपुर पुलिस ने डुमना airport के पास army area से एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया है। पूछताछ के दौरान युवक ने खुद को Bangladesh का Rohingya Muslim बताया। इस खुलासे के बाद intelligence agencies सतर्क हो गई हैं।
रोहिंग्या मुसलमान के बारे में यदि आप नहीं जानते तो यह लोग साइको टाइप के अपराधी होते हैं। इनको बहुत सारा पैसा मिल जाए तो भी यह अपनी लाइफ स्टाइल के लिए उसका उपयोग नहीं करते। स्मार्टफोन का उपयोग नहीं करते। सिर्फ दो वक्त का खाना उनके लिए पर्याप्त है। इन्हें किसी को लूटने से ज्यादा उसकी हत्या करने में आनंद आता है। इनकी प्रकृति अपराधिक है, इसलिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इनका उपयोग करती है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने थाने पहुंचकर युवक से पूछताछ की। उसकी भाषा Bengali होने के कारण पुलिस को बयान लेने में कठिनाई हुई, जिसके लिए translator बुलाया गया। संदिग्ध युवक मंगलवार शाम को T-shirt और half pants में घूम रहा था। पुलिस को देखते ही वह भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।
जब पुलिस ने उससे नाम और पता पूछा, तो वह unknown language में बोलने लगा। पहले पुलिस को लगा कि वह mentally unstable है, लेकिन थाने में पूछताछ के बाद उसके Bangladeshi होने का पता चला।
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह 9 अन्य लोगों के साथ India में illegally entered था। हालांकि, उसके बयानों की सत्यता investigation के बाद ही स्पष्ट होगी।
युवक ने अपना नाम Rahmat Ali बताया और कहा कि वह Bangladesh के Bagerhat district के Ramchandrapur village का निवासी है। जब उससे परिवार के बारे में पूछा गया, तो उसने पहले पिता का नाम Manna Sarkar बताया, फिर बयान बदलकर Mohammad बताया। मां का नाम Memra Begum बताया।
देर रात तक चली पूछताछ में युवक बार-बार अपने बयान बदलता रहा, जिससे पुलिस को शक है कि वह जानबूझकर misleading कर रहा है।
पूछे जाने पर कि वह यहां क्यों आया, Rahmat Ali ने कहा, "खाना खाने आया हूं।" (उल्लेखनीय है कि अपराधी serious crimes के लिए इस तरह के code words का उपयोग करते हैं।)
जबलपुर SP Sampat Upadhyay ने बताया कि युवक की पहचान और उसके बयानों की सत्यता investigation के बाद ही पूरी तरह स्पष्ट होगी।