BNS 84 - किसी विवाहित महिला को बहला-फुसलाकर कर ले जाना कब अपराध होगा, जानिए

Bhopal Samachar
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बाल-विकास या मानसिक बुद्धि अनुसंधान की बात करें तो आज भी महिलाएं किसी की भी बातों में आ जाती हैं, अनुसंधान के अनुसार महिलाएं एक भावुक प्राणी होती है और बहुत जल्दी किसी पर भी विश्वास कर जाती है। बहुत सारे लोग इसी बात का फायदा उठाते हैं। यही कारण के भारतीय न्याय संहिता 2023 में किसी विवाहित महिला को बहला-फुसलाकर ले जाना, आपराधिक कृत्य घोषित किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 84 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति किसी विवाहित महिला को उसके पति के पास से या उसके किसी संरक्षक करने वाले माता पिता, भाई बहन या कोई भी रिश्तेदार के पास से बहला फुसलाकर, लालच देकर या कोई लोभ देकर ले जाएगा या ले जाने के बाद अवैध रूप से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाएगा वह व्यक्ति BNS की धारा 84 के अंतर्गत दोषी होगा।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 84 Provision of punishment

यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं होती है इस अपराध की शिकायत पति या महिला का संरक्षक करने वाला कोई भी व्यक्ति स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवाना होगा तभी मामला संज्ञान में लिया जाएगा। इन अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। सजा - इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

▪︎ नारायण चंद्र दास बनाम कमलाक्षय दास एवं अन्य:- उक्त मामले मे कलकत्ता हाइकोर्ट ने अभिनिर्धारित किया कि यदि आरोपी ने किसी विवाहित महिला को इस आशय से छिपाकर या बंद करके रखा हो कि वह किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संबंध बनाए तो उस व्यक्ति को धारा 498 (अब वर्तमान मे BNS की धारा 84 होगी) के अंतर्गत दोष सिद्ध किया जाएगा।

▪︎ ज्ञानेन्द्र नाथ डे बनाम क्षितीश चंद्र देव वाद:- उक्त मामले मे न्यायालय ने यह कहा कि यदि आरोपी किसी विवाहित महिला को किसी व्यक्ति के साथ अवैध संबंध बनाने हेतु उसके पति के संरक्षण से फुसलाकर ले जाने में व्यक्तिगत रूप से सक्रिय सहायता करता है और आरोपी के बहकावे में अगर महिला तैयार हो जाती है, तब भी आरोपी 498 (अब वर्तमान में BNS की धारा 84 होगी) के अपराध से दोषी होगा।

कुलमिलाकर आरोपी जिस महिला को फुसलाकर ले जा रहा है वह महिला शादीशुदा होना चाहिए और किसी व्यक्ति की पत्नी होना चाहिए इस अपराध का महत्वपूर्ण तत्व यही है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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