मध्य प्रदेश में आदिवासियों के युवा नेता एवं विधायक डॉक्टर हिरा अलावा ने मेडिकल कॉलेज में आदिवासी विद्यार्थियों की संदिग्ध मृत्यु के मामले में जांच की मांग की है। इसके लिए उन्होंने राज्यपाल महोदय को एक पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में राजधानी भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज में MBBS स्टूडेंट रानी मोरे की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई। उसने हाल ही में एडमिशन लिया था। बड़ा सवाल है कि इस प्रकार किसी विद्यार्थी की मृत्यु हो जाने पर खाली हुई सीट का क्या होता है।
रानी मोरे की मृत्यु, आत्महत्या नहीं संदिग्ध है: विधायक अलावा
जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को लेटर लिखा। अलावा ने अपने लेटर में लिखा- भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा रानी मोरे (22) का शव गंभीर परिस्थितियों में गर्ल्स हॉस्टल में फंदे से लटका मिला। मृतका आदिवासी समुदाय से थी और खरगोन जिले के धसलगांव की रहनेवाली थी।
मेडिकल कॉलेज में आदिवासी विद्यार्थियों की संदिग्ध मृत्यु क्यों हो रही है
पूर्व में भी विदिशा मेडिकल कॉलेज, इंदौर के देवी अहिल्याबाई नर्सिंग कॉलेज समेत कई अन्य कॉलेजों में आदिवासी छात्र-छात्राओं के ऐसे संदेहास्पद मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं। आदिवासी छात्र-छात्राओं के कॉलेजों, हास्टलों में ऐसे संदेहास्पद मौत से आदिवासी लोगों में आक्रोश व्याप्त है। आपसे निवेदन है कि चिरायु मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा की संदेहास्पद मौत की न्यायिक जांच किए जाने की कार्यवाही करें।
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