महिला, क्रूरता के अपराध परिवाद किस न्यायलय में दायर कर सकती है, पढ़िए सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट

Bhopal Samachar
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 85 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 498 (क) विवाहित या लिव इन रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विधिक प्रावधान गया है। अगर कोई पुरुष किसी महिला के साथ क्रूरता करता है तो उसे तीन वर्ष की कारावास हो सकती है।

मामला किसी भी नजदीकी पुलिस थाने में जहां महिला स्वयं को सुरक्षित और स्वतंत्र पाती है, दर्ज करवा सकती है परंतु कभी-कभी पुलिस इस इस मामले की एफआईआर नहीं करते है तब पीड़ित महिला प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत कर सकती हैं लेकिन सवाल यह है कि किस क्षेत्र के न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत करे, ससुराल पक्ष के क्षेत्र में जहां प्र​ताड़ित किया गया या मायके पक्ष के क्षेत्र में जहां उसे कोई खतरा एवं डर नहीं है। जानिए इसका महत्वपूर्ण जवाब :-

रूपाली देवी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (निर्णय वर्ष 2019):-

उपरोक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है कि जिस स्थान पर पत्नी अपने पति या उसके नातेदार द्वारा क्रूरता का शिकार होकर अपना वैवाहिक घर छोड़कर या भाग कर शरण लेती हैं उस स्थान के न्यायालय में भी महिला भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498(ए) के अपराध का परिवाद दर्ज करने का अधिकार होगा। 

विजय रतन शर्मा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य वाद:- 

इस मामले मे उच्च न्यायालय ने विनिश्चित किया कि जहां पति ने या उसके नातेदारों ने पत्नी के साथ क्रूरता करके उसे मायके वापस भेज दिया हो और क्रूरता तथा प्रताड़ना के परिणामस्वरूप मानसिक अशांति के कारण वह गभीर रूप से बीमार हो गई हो तो उसके मायके के स्थान के मजिस्ट्रेट को पीड़ित महिला के पति के विरुद्ध IPC की धारा 498A के अपराध का संज्ञान करने की अधिकारिता है।

स्थानीय मजिस्ट्रेट आरोपी के विरुद्ध IPC की धारा 498A के अधीन क्रूरता के अपराध के लिए तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 181(4) के अंतर्गत दाण्डिक कार्यवाही कर सकता है।

कुलमिलाकर दोनों निर्णय की अगर बात करें तो महिला जहां जाकर निवास करती है चाहे वह किराये से भी क्यूँ न रह रही हो किसी भी क्षेत्र मे वहीं के मजिस्ट्रेट के पास परिवाद दायर कर सकती है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।

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