किसी भी महिला के साथ उसका पति या पति का नातेदार किसी भी प्रकार की क्रूरता करते है तो महिला उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 84 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 498A के अंतर्गत मामला दर्ज करवा सकती है।
लिव इन रिलेशनशिप में महिला को पत्नि की मान्यता
अगर कोई बालिग महिला आपनी इच्छा से किसी पुरुष के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही हैं और उसका साथी उसे बार बार प्रताड़ित करता है या उसका साथी उससे पैसे की मांग करता है या कहें किसी भी प्रकार की क्रूरता कर रहा है तब क्या वह स्त्री उस पुरुष के खिलाफ भी क्रूरता के अपराध का मामला दर्ज करवा सकती हैं जानिए महत्वपूर्ण जानकारी:
वमगराला येदुकोडाला बनाम आंध्र प्रदेश राज्य वाद:-
इस मामले मे यह अभिनिर्धारित किया गया कि यदि कोई व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप रह रही महिला के साथ क्रूरता करता है, या उस महिला को इतना मजबूर कर दे कि वह आत्महत्या कर ले तब वह पुरुष भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 498A के अपराध से दण्डित किया जा सकता है।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 84 or Indian Penal Code Section 498-क Provision of punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज होती है या एफआईआर दर्ज न होने की स्थिति मे पीड़ित महिला प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) भी दर्ज करवा सकती हैं। इन अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष के कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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