हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश की इंदौर बेंच के न्यायमूर्ति श्री विवेक रूसिया ने एसडीएम सेंधवा श्री अभिषेक सराफ एवं एक अन्य श्री परीक्षित शर्मा को रिटायर्ड प्राचार्य एवं उनकी पत्नी को प्रताड़ित किए जाने का दोषी घोषित करते हुए ₹200000 का जुर्माना ठोका है। हाई कोर्ट ने बड़वानी कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वह दोनों से जुर्माना की राशि की वसूली करें और पीड़ित प्राचार्य को भुगतान करें।
एसडीएम अभिषेक सराफ के खिलाफ हाई कोर्ट का आदेश
याचिकाकर्ता डॉ अशोक वर्मा, मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के कर्मचारी थे, एवं कॉलेज प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए। उनकी पत्नी का नाम श्रीमती निर्मला वर्मा है। श्री परीक्षित शर्मा ने एक शिकायत में दावा किया कि, डॉक्टर अशोक वर्मा द्वारा गलत दस्तावेजों का उपयोग करके सरकार से लाभ अर्जित कर लिया है। एसडीएम श्री अभिषेक सराफ ने इस शिकायत के आधार पर एक जांच कमेटी का गठन किया और जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज प्रिंसिपल डॉक्टर अशोक वर्मा के खिलाफ आदेश जारी किया। इस प्रक्रिया से पीड़ित होकर डॉक्टर अशोक वर्मा ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका प्रस्तुत की।
डॉ अशोक वर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया कि, उनकी सेवाएं एसडीएम के अधीन नहीं है और एसडीएम को ना तो उनके खिलाफ विभागीय जांच करवाने का अधिकार है और ना ही विभागीय मम्मालों में उन्हें किसी भी प्रकार का आदेश देने का अधिकार है। माननीय न्यायालय में बहस के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि डॉ अशोक वर्मा ने सरकार से लाभ पाने के लिए किसी भी अनुचित साधन अथवा दस्तावेज का उपयोग नहीं किया। बल्कि इस शिकायत और शिकायत के आधार पर की गई जांच के माध्यम से उन्हें प्रताड़ित किया गया।
हाई कोर्ट में स्पष्ट हुआ कि, इस प्रकार से मिथ्या शिकायत और अधिकार क्षेत्र के बाहर जांच करवाना, प्रताड़ित करने की श्रेणी में आता है इसलिए हाईकोर्ट ने शिकायत करने वाले श्री परीक्षित शर्मा एवं शिकायत के आधार पर जांच करवाने वाले एसडीएम श्री अशोक सराफ के खिलाफ ₹200000 जुर्माना का आदेश जारी किया है।