Legal general knowledge and law study notes
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में धारा 120 क, एवं 120 ख में आपराधिक षड्यंत्र के अपराध के बारे मे बताया गया है। धारा 120 क में बताया है कि दो या अधिक व्यक्तियों के बीच अवैध समझौता आपराधिक षड्यंत्र का अपराध होता है, या समझौता वैध हो लेकिन उसमे अवैध सामग्री का उपयोग किया गया हो, तो भी आपराधिक षड्यंत्र का अपराध होगा एवं धारा 120 ख में आपराधिक षड्यंत्र के अपराध के दण्ड के बारे मे बताया गया है। इस अपराध को नए कानून भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61 में बताया है।
क्या है दण्ड का प्रावधान जानिए:-
1. दो वर्ष से लेकर मृत्यु दण्ड के अपराध करने का षडयंत्र करने वाले व्यक्तियों का अपराध संज्ञेय एवं असंज्ञेय और जमानतीय एव अजमानतीय दोनों प्रकार के होते है, इस अपराध का विचारण उसी न्यायालय द्वारा किया जाएगा जहां पर मुख्य अपराध का विचारण हो रहा है।
सजा:- इस अपराध के लिए वहीं दण्ड दिया जा सकता है जिसका षड्यंत्र व्यक्तियों द्वारा किया गया था अर्थात चोरी करने के लिए आपराधिक षड्यंत्र किया गया था तो चोरी के अपराध के दण्ड से व्यक्तियों को दण्डित किया जाएगा।
2. उपरोक्त अपराध को छोड़कर अन्य किसी अपराध का षडयंत्र करने पर छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है या अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते है एवं इनकी सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com