नई दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कहा है कि केवल रजिस्टर करवाए गए समनुदेशन (assignment) ही दावे के निपटान (claim settlement) के लिए स्वीकार किए जाएंगे। एलआईसी ने यह जानकारी बीमा अधिनियम, 1938 (संशोधन 2015), अनुच्छेद 38 (5) के अनुसार दी है।
इस अधिनियम के अनुसार, एलआईसी पॉलिसी के समनुदेशन को रजिस्टर करवाने के लिए, पॉलिसीधारक को अपनी सेवा देने वाली शाखा में लिखित सूचना और समनुदेशन के दस्तावेज (endorsement or instrument) जमा करने होंगे। दस्तावेज की प्रति को दोनों पक्षों (अंतरक और अंतरिती) या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
रजिस्टर क्यों करवाना है?
रजिस्टर करवाने से पॉलिसी के वास्तविक मालिकों को दावे का निपटान जल्दी हो सकेगा। यह तब भी लागू होगा जब दावे के निपटान के लिए आवश्यकताओं में बदलाव किया गया हो, जैसे कि पॉलिसी बांड जमा करना।
कैसे करें रजिस्टर?
- पॉलिसीधारक को अपनी सेवा देने वाली एलआईसी शाखा में जाना होगा।
- लिखित सूचना और समनुदेशन के दस्तावेज जमा करना होगा।
- दस्तावेज की प्रति को दोनों पक्षों द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
- जमा करने के बाद, पॉलिसीधारक को रजिस्टर की पुष्टि के लिए पावती दी जाएगी।
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