मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी योजना के तहत गरीबों को बांटी जाने वाली मच्छरदानी के लिए एक युवक की हत्या कर दी गई। मृतक के भाई ने आशा कार्यकर्ता, उसके भाई और कुछ पुलिस कर्मचारियों पर हत्या का आरोप लगाया है, हालांकि पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज नहीं किया है, बल्कि धारा के निर्धारण के लिए इन्वेस्टिगेशन की जा रही है।
BHOPAL NEWS - मच्छरदानी वितरण में गड़बड़ी का विरोध कर रहा था मुकेश
कोलार रोड कजलीखेड़ा गांव में सोमवार को आशा कार्यकर्ता मच्छरदानी बांट रही थी। इसी गांव में रहने वाले 40 वर्षीय मुकेश लोधी नहीं मच्छरदानी के वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए, इसका विरोध किया। मच्छरदानी वितरण कर रही आशा कार्यकर्ता से उसका विवाद हो गया। आशा कार्यकर्ता ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने मुकेश को हिरासत में लिया और अपने साथ थाने ले जाने लगी। पुलिस के डायल-100 वाहन में दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पुलिस मौजूद थी। पुलिस मुकेश को लेकर ठाणे नहीं पहुंची बल्कि मुकेश को जेपी अस्पताल ले जाया गया। मुकेश गंभीर रूप से घायल था। जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने उसे हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने उसे हमीदिया अस्पताल में गंभीर घायल अवस्था में भर्ती कर दिया। जब हमीदिया अस्पताल में इलाज नहीं मिला तो परिवार के लोगों ने मुकेश को प्राइवेट एलबीएस अस्पताल में भर्ती करवा दिया जहां बुधवार को मुकेश लोधी की मौत हो गई।
पुलिस का बयान और परिवार का आरोप
पुलिस का कहना है कि मुकेश चलती गाड़ी से कूद गया था जिससे वह घायल हो गया और इसी के कारण उसकी मृत्यु हुई। मुकेश के भाई का कहना है कि मुकेश के पूरे शरीर पर खरोच का निशान तक नहीं था, केवल सिर में चोट लगी है। ऐसा तभी होता है जब कोई सर पर वार करें। मुकेश के भाई का कहना है कि यह हत्या का मामला है, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है।
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