मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक शिवराज सिंह चौहान को किसी भी पद से हटाया जा सकता है परंतु उनकी सक्रियता समाप्त नहीं की जा सकती। वह लगातार सक्रिय बने हुए हैं। आज उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश महोदय को पत्र लिखकर ग्वालियर के उन छात्र नेताओं के लिए क्षमादान मांगा है। जिनके खिलाफ पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज कर लिया है। इस FIR के कारण न्यायालय ने उन्हें जेल में भेज दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पत्र में लिखा है कि, समाचार पत्रों के माध्यम से एक प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है जिस पर मैं आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ। निजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रणजीत सिंह जी का दिल्ली से झांसी जाते समय ट्रेन में अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया और उनके साथ यात्रा कर रहे कुछ छात्रों ने उन्हे इलाज हेतु ग्वालियर स्टेशन पर उतारा और रेलवे स्टेशन के बाहर छात्रों ने न्यायाधीश की कार का उपयोग चाबी छीन कर किया जिससे कुलपति को अस्पताल पहुंचाकर उन्हें शीघ्र चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। हालांकि बाद में अस्पताल में कुलपति जी को नहीं बचाया जा सका।
इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा चोरी एवं डकैती की धाराओं के अंतर्गत दो छात्रों पर प्रकरण दर्ज कर लिए गए।चूंकि यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें पवित्र उद्देश्य के साथ अपराध किया गया है। इस मामले में दोनों छात्र हिमांशु और सुकृत ने मानवीय आधार पर सहयोग एवं जान बचाने के अभिप्राय से यह अपराध किया है। छात्रों का भाव किसी तरह का द्वेष या अपराधिक कार्य करने का नहीं था। चूंकि यह एक अपराध है, लेकिन क्षमायोग्य कृत्य भी है। अतः मेरा निवेदन है कि, माननीय उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान लेकर दोनों छात्रों के भविष्य को देखते हुए दर्ज प्रकरण को वापस लेकर छात्रों को क्षमा करने की कृपा करें।
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