अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा ट्राइबल डिपार्टमेंट के लिए 20000 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की गई। इसमें EWS वर्ग के हजारों उम्मीदवारों को अनारक्षित मानकर उनकी मर्जी के खिलाफ ट्राइबल डिपार्टमेंट में सदस्य कर दिया गया। उम्मीदवारों को चॉइस फिलिंग का मौका नहीं दिया गया। लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश, भोपाल के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
मेरिट वाले EWS उम्मीदवारों को चॉइस फिलिंग का मौका तक नहीं दिया
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को निर्देशित किया था कि वह विवादित नीतियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन करें लेकिन आयुक्त लोक शिक्षक ने हाई कोर्ट द्वारा एक अन्य मामले में खारिज की गई याचिका का हवाला देकर EWS वर्ग के उम्मीदवारों को चॉइस फिलिंग का अवसर देने से इनकार कर दिया। उम्मीदवारों ने इसके विरुद्ध पुनः याचिका क्रमांक 28139/2023 दाखिल की। याचिकाकर्ता श्री अमन दुबे, आकांक्षा वाजपेई, श्वेता पाठक, अजीत तिवारी, रौनक चौबे तथा राहुल शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई याचिका की आज उच्च न्यायालय में विद्वान जस्टिस श्री एमएस भट्टी द्वारा सुनवाई की गई।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने हाईकोर्ट को उपरोक्त समस्त तथ्यों से अवगत कराया। याचिका के विषय को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव तथा कमिश्नर को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर जब आप प्रस्तुत करने के लिए कहा है, तथा प्राथमिक शिक्षकों की समस्त भर्ती प्रक्रिया को इस याचिका के निर्णय के अध्याधीन कर दिया है।
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