Subrata roy death - हाई बीपी और डायबिटीज सहित कई बीमारियां थी, मुंबई में निधन

Bhopal Samachar
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भारत के सबसे चर्चित कारोबारी में से एक सुब्रतो राय का मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में निधन हो गया। डॉक्टर का कहना है कि उन्हें हार्ट अटैक आया था उनकी उम्र 75 वर्ष थी और वह हाई बीपी एवं डायबिटीज सहित कई बीमारियों से पीड़ित थे। 

4000 कंपनियों का सहारा समूह पूरे भारत में फैला था

सुब्रत रॉय की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी थी। वह जितनी जल्‍दी फर्श से अर्श पर पहुंचे, उतनी ही तेजी से अर्श से फर्श पर आ गए। कभी सहारा ग्रुप की चार हजार से ज्‍यादा कंपनियां खड़ी हो गई थीं। इनमें से 4 शेयर बाजार में सूचीबद्ध थीं। सहारा ग्रुप सालों तक इंडियन क्रिकेट टीम और इंडियन हॉकी टीम का स्‍पॉन्‍सर रहा। यही नहीं, उसने लखनऊ में सहारा शहर भी बसाया। सभी तरह की लक्‍जरी से लैस। इसमें हेलीपैड, क्रिकेट स्‍टेडियम, गोल्‍फ कोर्ट, थियेटर से लेकर कई पेट्रोल पंप तक थे। सुब्रत रॉय ने मुंबई में टाउनशिप भी बनाई। देखते ही देखते सुब्रत रॉय ने इतना बड़ा साम्राज्‍य खड़ा कर दिया जिसके कई पीढ़‍ियों तक ढहने का सपना भी नहीं देखा जा सकता था। लेकिन, ऐसा उनके सामने ही हो गया।

सुब्रत रॉय - पॉलीटिकल कनेक्शंस के कारण बर्बाद हुए

बात 1996 की है। सहारा की नाव ने पहली बार हिचकोले तब लिए जब प्रसनजीत सिंह नाम के इनकम टैक्‍स अफसर की नजर उनके कारोबार पर पड़ गई। उस समय तक सुब्रत रॉय हवा में उड़ रहे थे। उनके काफी ज्‍यादा पॉलिटिकल कनेक्‍शन थे। इस अफसर ने जब सुब्रत रॉय से बेशुमार दौलत को लेकर जवाब मांगा तो उन्‍होंने कुछ नेताओं के नाम आगे रख दिए। मामले में नेताओं को भी अपनी पोल खुलने का डर था। लिहाजा, इन्‍क्‍वायरी करने वाले इनकम टैक्‍स असफर का ही सुब्रत रॉय ने ट्रांसफर करा दिया। 

कोई नेता बचाने नहीं आया, सब कुछ आंखों के सामने खत्म हुआ

तब उन्‍हें लगा कि शायद बला टल गई है। लेकिन, उनके राहत के दिन लंबे नहीं रहे। 2008 में दोबारा सहारा के बुरे दिन शुरू हो गए। फिर इस सिलसिले ने थमने का नाम नहीं लिया। उस साल शेयर बाजार नियामक सेबी ने उन पर किसी भी और कंपनी के नाम पर निवेश लेने पर रोक लगा दी थी। यहीं से सहारा के खराब दिन शुरू हो गए। वह जेल तक गए। निवेशकों का पैसा लौटाने की तलवार, ग्रुप पर आज तक लटकी हुई है। 

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