IPC 272 - खाद्य पदार्थों में मिलावट कितना गंभीर अपराध और कितनी सजा, यहां पढ़िए

Legal general knowledge and law study notes

खाद्य पदार्थ में किसी भी ऐसे पदार्थ, तरल अथवा ठोस की मिलावट करना जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो, खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण अथवा मिलावट कहा जाता है। कुछ सालों पहले तक भारत में यह एक क्षमा योग्य अपराध था परंतु खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण अथवा मिलावट अब एक गंभीर अपराध माना जाने लगा है, क्योंकि खाद्य पदार्थों में मिलावट अब जानलेवा होने लगी है। इसके कारण मनुष्य को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने लगी है। 

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 272 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति किसी खाने या पीने की वस्तु में जानते हुए कोई ऐसा पदार्थ मिश्रण करेगा जिसके खाने या पीने से मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला हो तब खाद्य पदार्थ में मिलावटी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272 के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
विशेष नोट:- राज्य संशोधन अधिनियम, 1975 क्रमशः 1973 के अनुसार अब उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में यह अपराध संज्ञेय एवं अधिकतम आजीवन कारावास और जुर्माने से दण्डनीय होगा।

Indian Penal Code, 1860 section 272 Punishment 

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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