IPC 202 - शासन को सूचना दिए बिना अंतिम संस्कार करना, परिभाषा एवं सजा पढ़िए

Legal general knowledge and law study notes 

भारत में किसी भी प्रकार की असामान्य मृत्यु की स्थिति में, उसके अंतिम संस्कार से पहले शासन को सूचित किए जाने का प्रावधान है। सबसे नजदीक जो भी पुलिस थाना अथवा मजिस्ट्रेट का ऑफिस हो, वहां सूचना दे सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह, इस प्रकार की सूचना दिए बिना अंतिम संस्कार करता है तो वह अपराधी घोषित किया जाएगा एवं न्यायालय द्वारा दंडित किया जाएगा। 

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 202 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति जानते हुए कि कोई अपराध हुआ है इसकी सूचना किसी मजिस्ट्रेट या नजदीक थाने में नहीं देगा, जिसकी सूचना देना उसका वैध कर्तव्य था, वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 202 के अंतर्गत दोषी होगा। 

Indian Penal Code, 1860 section 202 Punishment

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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