IPC 187 - जांच यानी इन्वेस्टिगेशन में जांच अधिकारी की सहायता नहीं करना भी दंडनीय अपराध है, जानिए

Bhopal Samachar
किसी भी लोक सेवक को जानते हुए अपराध की सूचना नहीं देना भारतीय दंड संहिता की धारा 176 के अन्तर्गत अपराध होता है एवं लोक सेवक को झूठी सूचना देना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 177 के अंतर्गत अपराध होता है लेकिन अगर जब कोई पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट किसी अपराध का अन्वेषण या जाँच कर रहा है तब उनकी अन्वेषण या जांच में जानबूझकर कर सहायता नहीं करना एक नहीं धारा के अंतर्गत अपराध होगा, जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 187 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक से जाँच या अन्वेषण के समय येसी बात की जानकारी नहीं देता है जिसकी जानकारी देना कानूनी तोर पर देना उसका विधिक कर्तव्य है अर्थात लोक सेवक से किसी बात को जानबूझकर कर जाँच के समय कोई बात को छुपायेगा तब उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 187 के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा।

Indian Penal Code, 1860 section 187 punishment

यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम एक माह की कारावास या जुर्माना या दिनों से दण्डित किया जा सकता है लेकिन कोई व्यक्ति अगर न्यायालय के या कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद भी लोक सेवक की सहायता नहीं करता है तब छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित होगा। 

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