IPC 177 - किसी लोक सेवक को झूठी जानकारी देना कब दण्डनीय अपराध होता है, जानिए

Legal general knowledge and law study notes

किसी जानकारी को किसी लोक सेवक (शासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी) से छुपाना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 176 के अंतर्गत अपराध माना गया है, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई जानकारी जो सत्य है उसे लोक सेवक को, झूठी देता है तो वह किस कानून के अंतर्गत दोषी होगा जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 177 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति व्यक्ति किसी लोक सेवक को किसी विषय की झूठी सूचना देगा या गलत जानकारी देगा या कोई व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को किसी अपराध की झूठी जानकारी देगा वह व्यक्ति आईपीसी की धारा 177 के अंतर्गत दोषी होगा। उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीकृत किया जाएगा और समस्त एविडेंस समेत न्यायालय में सजा निर्धारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

Indian Penal Code, 1860 section 177 punishment

यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है दंड का प्रावधान निम्न प्रकार है:-
1. किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को झूठी सूचना या जानकारी देने पर अधिकतम एक मास की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
2. पुलिस या मजिस्ट्रेट से किसी गंभीर अपराध की झूठी जानकारी या सूचना देने पर अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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