Legal general knowledge and law study notes
पुलिस या सेना की वर्दी, अथवा किसी भी अन्य श्रेणी के अधिकारी अथवा कर्मचारी की यूनिफॉर्म बाजार से कोई भी खरीद सकता है। कर्मचारी अथवा अधिकारी के पहचान चिन्ह भी बाजार में मिल जाते हैं, परंतु हर कोई ऐसा खरीद कर पहन नहीं सकता। भारतीय दंड संहिता में प्रावधान है, ऐसे व्यक्तियों को दंडित किया जाता है। आइए जानते हैं कि किसी सरकारी कर्मचारी अथवा अधिकारी की यूनिफॉर्म पहनना अथवा उसका पहचान चना धारण करना, किस कानून के तहत अपराध है और इसके लिए कितने दंड का प्रावधान है।
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 171 की परिभाषा
कोई व्यक्ति उस श्रेणी का शासकीय अधिकारी नहीं होते हुए उस वरिष्ठ अधिकारी की वर्दी धारण करेगा या बिल्ला लगाएगा एवं जानबूझकर किसी आम व्यक्तियों पर रौब दिखाएग या किसी व्यक्ति को क्षति पहुचाने का कार्य करेगा तब येसा व्यक्ति उक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा।
विशेष Notes:- किसी नाटक, एक्टिंग, रंगमंच आदि के लिए वर्दी पहनना या बिल्ला धारण करना इस श्रेणी में अपराध नहीं है।
Indian Penal Code, 1860 section 171 punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं ज़मानतीय होते हैं। पुलिस थाने में मामला दर्ज होता है और पुलिस थाने में ही जमानत भी मिल जाती है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है, इस अपराध के लिए अधिकतम तीन माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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