Amazing facts in Hindi about aloe vera plant and flower
ग्वारपाठा या घृतकुमारि या फिर एलोवेरा (Aloe Vera) को सभी जानते हैं। एक ऐसा पौधा जिसके पत्तों में कांटे होते हैं। देखने में खूबसूरत नहीं होता। बहुत कम मात्रा में फूल दिखाई देते हैं। फूलों में खुशबू भी नहीं होती लेकिन फिर भी बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि हर घर में एलोवेरा का पौधा होना चाहिए। सवाल यह है कि एलोवेरा में ऐसा क्या खास है जो प्राचीन काल में यह पौधा घर घर में लगाया जाता था। आइए जानते हैं:-
एलोवेरा का प्याज और लहसुन से क्या रिश्ता है
Aloe vera, family Liliaceae या Asphodelaceae का मेंबर है जिसके अंतर्गत प्याज, लहसुन आदि भी आते हैं। Aloe Vera का Botanical Name, Aloe barbadenis miller है, जो कि झाड़ीवाला, सक्यूलेंट, ग्रीन-पी-कलर का प्लांट होता है जिसे "Lily of the Desert" भी कहा जाता है।
एलोवेरा में ऐसा क्या है, जो उसे सबसे महत्वपूर्ण बनाता है
एलोवेरा- Antiviral, Antibacterial, Antioxident Antifugal है। इसके अनगिनत फायदे हैं। Medicinal Use के साथ-साथ इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में भी मुख्य रूप से किया जाता है क्योंकि एलोवेरा में पानी, अमीनो एसिडसिड ,विटामिन, लिपिड एंजाइम्स आदि से भरपूर होता है। इसलिए इसे खाने और लगाने दोनों से ही फायदे होते हैं।
एलोवेरा के फूल कब आते हैं और विशेष बातें क्या होती है
एलोवेरा का पौधा जब करीब 4 से 7 साल का हो जाता है तब इसमें फ्लावर्स देखने को मिलते हैं। यह फूल, गुच्छों के रूप में Yellow, Orange, Red Colours में दिखाई देते हैं। ये फूल उभयलिंगी (Hermaphrodite) होते हैं, यानी Male & Female Sex Organ एक ही फूल में साथ में पाए जाते हैं जो की सुंदर होने के साथ-साथ उपयोगी भी होते हैं। इनके फ्लावर्स को सुखाकर एवं पीसकर आप फेस पैक की तरह USE कर सकते हैं। इसके अलावा इन फूलों का औषधीय महत्व होने के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है।
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