मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में आज पटवारी भर्ती परीक्षा के संबंध में दाखिल WP/28684/22 श्री शिवम शुक्ला विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन, याचिका पर सुनवाई हुई। अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज मध्यप्रदेश शासन ने उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा।
मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती में सभी कैंडिडेट्स की नियुक्ति क्यों रोकी- प्रश्न का उत्तर
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शासन से पूछा था कि, जब गड़बड़ी केवल एक परीक्षा केंद्र पर हुई है तो फिर पटवारी भर्ती परीक्षा में क्वालीफाई हुए सभी कैंडिडेट्स की नियुक्ति पर रोक क्यों लगा दी गई है। उच्च न्यायालय ने यह भी पूछा था कि इस प्रकार से अचानक किसी नियुक्ति पर रोक लगाने का अधिकार कहां से प्राप्त हुआ। मध्यप्रदेश शासन ने बताया कि, मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा से संबंधित सभी प्रकार की शिकायतों की जांच एवं सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया है।
इसमें केवल एक परीक्षा केंद्र से मेरिट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की योग्यता का प्रश्न नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में कैंडिडेट्स ने और भी कई प्रकार की शिकायतें की है। सभी शिकायतों की सुनवाई की जा रही है। शिकायतों की जांच करना भर्ती प्रक्रिया का एक हिस्सा है। जांच पूरी होने के बाद ही मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती प्रक्रिया में अगले चरण की कार्रवाई होगी।
पटवारी भर्ती में ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम आदेश
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया कि 27% ओबीसी आरक्षण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया गया है। सुनवाई की अगली तारीख 17 अगस्त निर्धारित की गई है।
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