दुस्सन्धिपूर्ण का अपराध क्या होता है
जब कोई दो पक्षकार के मध्य गुप्त रुप से किसी सरकारी ठेका या प्राइवेट ठेका या किसी मदिरा के लाइसेंस प्राप्त करके के लिए अनुबंध होता है, ताकि कोई तीसरी पार्टी लाइसेंस प्राप्त न कर सके। उसको नीलामी बोली से हटाने के लिए। इसे हम कानून की भाषा मे दुस्सन्धिपूर्ण का अपराध कहते हैं, इस तरह से लाइसेंस प्राप्त करने वाले व्यक्ति के खिलाफ किस कानून के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 18 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी लोक नीलामी में बोली लगाने वाला व्यक्ति होते हुए किसी बोली लगाने वाले व्यक्ति के साथ मिलकर इस हेतु षड्यंत्र करेगा कि जिससे वह कोई सरकारी लाइसेंस या अन्य ठेके का लाइसेंस जिसके अंतर्गत मंदिरा दुकान भी आती है बहुत ही कम कर में प्राप्त कर सकते तब ऐसे कपट करने वाले व्यक्ति के अंतर्गत उपर्युक्त अधिनियम की धारा 18 के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Prevention Act, 1982 Section 18 Punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है इनका विचारण किसी भी न्यायिक कोर्ट द्वारा किया जाता है । सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम एक वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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