Legal general knowledge - law study notes -
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 का अध्याय 3 वन पैदावार को नुकसान पहुंचाने वाले वन अधिकारी, कर्मचारियों आदि को वन नियम के अतिरिक्त दण्ड देने का प्रावधान करती है। इसके अंतर्गत धारा 14 में हमने बताया था अगर कोई वन अधिकारी होते हुए अवैध रूप वनों के वृक्षों को क्षति करेगा उसे दण्डित किया जाएगा। इस अध्याय की धारा 15 क्या कहती है जानिए।मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 15 की परिभाषा
जो कोई वन अधिकारी होते हुए किसी व्यक्ति को फायदा पहुचाने के उद्देश्य से शासकीय विभाग को निम्न प्रकार से हानि पहुचाएगा:-
1. वन पैदावार के नीलामी संबंधित बोली पत्रकों में मिथ्याकरण करेगा।
2. नकली वाहन पास जारी करेगा जिससे छल हो रहा हो।
तब वह उक्त धारा के अंतर्गत अपराधी होगा।
Madhya Pradesh Prevention of Specified Corrupt Practices Act, 1982 Chapter 3 Section 15 Punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं आजमानतीय अपराध है इनका विचारण सेशन कोर्ट द्वारा किया जाता है लेकिन पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी की कार्यवाही करने से पहले समुचित सरकार या प्राधिकृत अधिकारी से आदेश प्राप्त करना होगा। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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