मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज अचानक सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया। कलेक्टर के कदम रखते ही अस्पताल की पोल खुल गई। टोटल 20 डॉक्टर गायब थे। कलेक्टर ने एक संविदा डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी। दूसरे नियमित डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया जबकि शेष 18 डॉक्टरों की वेतन वृद्धि रोकी गई।
जेपी अस्पताल भोपाल में कलेक्टर की छापामार कार्रवाई
राजधानी भोपाल के जिला चिकित्सालय जेपी अस्पताल में आज कलेक्टर ने छापामार कार्रवाई की। वह अचानक अस्पताल में पहुंच गए और इसके साथ ही अस्पताल की व्यवस्था का काला चिट्ठा सामने आ गया। बीमारियों से तड़पते मरीजों की भीड़ देखकर कलेक्टर भड़क उठे। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुल 20 डॉक्टर अनुपस्थित हैं। पूछताछ के दौरान पाया गया कि इनमें से 2 डॉक्टर ऐसे हैं जो आदतन अनुपस्थित रहते हैं। इनमें एक नियमित और एक संविदा डॉक्टर है।
कलेक्टर ने संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त करने और नियमित डॉक्टर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसके अलावा शेष सभी 18 डॉक्टरों का 1 दिन का वेतन काटने और असंचायी प्रभाव से एक वेतन वृद्धि रोकने के लिए एससीएन जारी करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर त्रिवेदी उपस्थित थे।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए।
✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।
क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।