RASHIFAL- सिंह, धनु और कुंभ राशि वाले सावधान रहें, वक्री शनि हानिकारक हो सकते हैं

न्याय के देवता शनि देव कुंभ राशि में वक्री हो गए हैं एवं 4 नवंबर 2023 तक रहेंगे। इधर 30 जून को मंगल ग्रह का गोचर कर्क राशि में होने वाला है। इसके कारण 30 जून से मंगल का शनि के साथ षडाष्टक योग बनेगा। भारतीय ज्योतिष में इसे एक अशुभ योग माना गया है। इसके कारण सिंह, धनु और कुंभ राशि वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

सिंह राशिफल- मंगल शनि षडाष्टक योग का प्रभाव 

पृथ्वी पर रहने वाले ऐसे व्यक्ति, जिनके नाम मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे अक्षरों से प्रारंभ होते हैं अथवा जिनकी लग्न कुंडली में चंद्रमा सिंह राशि में स्थित है, मंगल शनि षडाष्टक योग से प्रभावित होंगे। सिंह राशि वालों के लिए मंगल ग्रह सुख एवं भाग्य के स्थान का स्वामी होता है। इस योग के कारण सिंह राशि वाले लोगों को भाग्य की हानि होगी। सुख सुविधाओं में कमी आ जाएगी। संपत्ति विवाद उपस्थित हो सकते हैं। यदि भूमि वाहन आदि का सौदा किया तो नुकसान हो सकता है। खर्चों में वृद्धि हो जाएगी। माता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। यात्रा से हानि की संभावना है। 

धनु राशिफल- मंगल शनि षडाष्टक योग का प्रभाव 

पृथ्वी पर रहने वाले ऐसे व्यक्ति जिनके नाम, ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे अक्षरों से प्रारंभ होते हैं अथवा जिनकी लग्न कुंडली में चंद्रमा धनु राशि में स्थित है, इस योग से प्रभावित होंगे। धनु राशि वालों के लिए मंगल पांचवे और बारहवें भाव का स्वामी है और शनि दूसरे एवं तीसरे भाव का स्वामी है। इसके कारण संतान से संबंधित खर्चों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर खर्चे हो सकते हैं। गला अथवा मुख से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। यथासंभव वाहन ना चलाएं। दुर्घटना की संभावना है। 

कुंभ राशिफल- मंगल शनि षडाष्टक योग का प्रभाव 

पृथ्वी पर रहने वाले ऐसे मनुष्य जिनके नाम,  गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा अक्षरों से प्रारंभ होते हैं अथवा जिनकी लग्न कुंडली में कुंभ राशि में चंद्रमा स्थित है, इस योग से प्रभावित होंगे। उथल-पुथल की बन सकती है। दांपत्य जीवन में तनाव देखने को मिल सकता है। नौकरी अथवा व्यापार में संघर्ष की स्थिति बन सकती है। विरोधी सक्रिय एवं शक्तिशाली होंगे। इस अवधि में किसी भी प्रकार का निवेश ना करें। जहां तक संभव हो कोई भी नया काम शुरू ना करें। 

आमतौर पर मंगल ग्रह का एक राशि में गोचर 45 दिन का होता है। 30 जून को कर्क राशि में गोचर करेंगे अर्थात 15 अगस्त से उपरोक्त तीनों राशियों वाले लोगों को राहत मिलना शुरू हो जाएगी। 

डिस्क्लेमर:- यह जानकारी भारतीय ज्योतिष के आधार पर प्रकाशित की गई है। इसकी सत्यता का कोई आधुनिक वैज्ञानिक आधार नहीं है। इसका उद्देश्य केवल इतना है ताकि लोग सावधान हो जाएं और किसी भी प्रकार की हानि से बचने के इंतजाम करें।

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