मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर ने 20 शिक्षा सत्र में 5 शिक्षकों को ट्रांसफर कर दिए जाने के मामले में केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त से शपथ पत्र पर जवाब मांगा है।
स्थानांतरण नीति के मार्गदर्शी प्रावधानों का पालन नहीं किया
इस मामले में न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार वर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता ममता श्रीवास्तव सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार त्रिपाठी ने पक्ष रखा। जिसके बाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त से जवाब तलब कर लिया है। याचिकाकर्ता ममता श्रीवास्तव सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार त्रिपाठी ने हाई कोर्ट में दलील दी कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्थानांतरण नीति के मार्गदर्शी प्रावधानों का पालन किये बिना स्थानांतरण आदेश जारी कर दिये।
याचिकाकर्ताओं का स्थानांतरण सितम्बर, 2022 में मध्य शैक्षणिक सत्र के दौरान किया गया था। कायदे से बीमार, विधवा, पति-पत्नी की एक स्थान पर पोस्टिंग के प्रावधान का पालन सुनिश्चित होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसीलिए याचिकाकर्ता केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, कैट चले गये थे। कैट ने उनके स्थानांतरण पर अंतरिम रोक लगा दी थी। जिसके विरुद्ध केंद्रीय विद्यालय संगठन हाई कोर्ट चला आया। हाई कोर्ट ने 90 दिन के भीतर अभ्यावेदन निराकृत करने की व्यवस्था दी थी। लेकिन केंद्रीय विद्यालय संगठन ने निर्धारित समय के बाद अभ्यावेदन निरस्त कर दिये। जिसके विरुद्ध प्रभावित शिक्षक पुन: कैट चले गये। कैट ने अभ्यावेदन का निराकरण सकारण करने की व्यवस्था दी। इसके बावजूद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने राहत प्रदान नहीं की।
हाई कोर्ट KVS के जवाब से असंतुष्ट, शपथ पत्र मांगा
राहत नहीं मिलने पर दोबारा प्रभावित शिक्षक हाई कोर्ट चले आये। उनके मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन ने नये शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी होने की जानकारी दी। साथ ही मौखिक रूप से अवगत कराया कि जिन केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षक स्थानांतरित किये जा रहे हैं। इस जानकारी को रिकार्ड पर लेकर हाई कोर्ट ने शपथ पत्र पर जवाब मांग लिया।
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