क्लाउड कंप्यूटिंग के जमाने में मध्य प्रदेश की सरकार पुरानी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रही है। नतीजा राजधानी के सतपुड़ा भवन में आग लगी तो पूरे प्रदेश में मंडियों में अनाज की खरीदी, कॉलेजों में स्कॉलरशिप का वितरण, निर्धन गरीबों को पेंशन का वितरण सहित कई सारे काम ठप हो गए।
मध्य प्रदेश सरकार का सर्वर सतपुड़ा भवन की बिजली पर डिपेंड
एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंडिपेंडेंट मध्यप्रदेश की बात करते हैं दूसरी तरफ जिस टेक्नोलॉजी में पूरी दुनिया इंडिपेंडेंट हो चुकी है, उस मामले में मध्य प्रदेश की सरकार अब तक डिपेंड है। अधिकारियों का कहना है कि नेशनल इनफार्मेशन सेंटर का कंप्यूटर सर्वर तब तक काम शुरू नहीं कर पाएगा जब तक की सतपुड़ा भवन में बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो जाती। सतपुड़ा भवन में बिजली कब तक बहाल हो जाएगी, इसके बारे में कोई एक निश्चित तारीख देने को तैयार नहीं है।
क्या दुनिया भर के सर्वर ऐसे ही ठप हो जाते हैं
यह बहुत पुरानी बात है जब कोई हादसा हो जाने पर या बिजली चले जाने पर कंप्यूटर सर्वर बंद हो जाए करते थे। अब क्लाउड स्टोरेज का जमाना है। यदि कोई एक सर्वर ब्लास्ट भी हो जाए तब भी उससे जुड़ी सेवाएं बंद नहीं होती क्योंकि क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिए नजदीक बना हुआ दूसरा सर्वर सेवाएं देने लगता है। वैसे तो मध्य प्रदेश में हर संभाग में सरकार का सर्वर होना चाहिए। यदि भोपाल का सर्वर गड़बड़ हुआ तो नर्मदा पुरम के सर्वर से सेवाएं निरंतर चलती रहेंगी।
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