परमादेश रिट क्या होती है, किस अधिकारी एवं विभाग के खिलाफ लगाई जा सकती है- LAW NOTES

Bhopal Samachar
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Writ of Mandamus Meaning in India in Hindi

परमादेश रिट- सभी लोक प्राधिकारी, सरकार, निगम आदि का कर्तव्य है कि वह विधि अनुसार अपने दायित्व का पालन करे। जब कभी वह अपने किसी भी दायित्व, कर्तव्य एवं कार्य का उल्लंघन करते हैं तब कोई भी नागरिक सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में परमादेश रिट लगाकर सही कर्तव्य के पालन की अपेक्षा करवा सकते हैं।

क्या प्राइवेट कंपनियों के खिलाफ परमादेश रिट लगाई जा सकती है

एक बात तो स्पष्ट है कि इस रिट को सरकारी अधिकारी एवं सरकार की किसी भी संस्था, निगम, विभाग आदि के लिए लगा सकते हैं, न की किसी निजी संस्थान, प्राइवेट व्यक्ति के लिए। अब सवाल यह है की किसी संविदात्मक दायित्व को पूरा करवाने के लिए इस रिट को लगाया जा सकता है या नहीं, जानिए महत्वपूर्ण जजमेंट सुप्रीम कोर्ट:-

क्या सरकारी ठेकेदार के खिलाफ परमादेश रिट लगाई जा सकती है

म्यूनिसिपल काउंसिल गोड़िया बनाम दीवी वकर्स एण्ड सप्लायर, हफ और अन्य (निर्णय वर्ष 2022)  मामले मे उच्चतम न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किया कि संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत संविदा/वर्क आर्डर के विनिर्दिष्ट अनुपालन के लिए परमादेश रिट जारी नहीं की जा सकती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

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