CPC 90- क्या न्यायालय, पक्षकारों की आपसी सहमति पर अपनी राय दे सकता है, जानिए

Bhopal Samachar
0

Definition of section 90 of the Code of Civil Procedure, 1908

जब कोई मामला न्यायालय में दायर किया जाता है तब न्यायालय मामले की सुनवाई के लिए पक्षकारों को एक तारीख देगा एवं प्रतिवादी पक्ष को अपने बचाब में प्रतिवाद दायर करने के लिए बोलेगा लेकिन बहुत से सिविल मामले ऐसे होते हैं जिसमे पक्षकार वाद-पत्र दायर करने के बाद न्यायालय के बाहर आपसी सहमति बना लेता है ऐसे में क्या न्यायालय से भी पक्षकार राय ले सकता है या नहीं जानिए महत्वपूर्ण जानकारी।

सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 90 की परिभाषा

जहाँ व्यक्ति न्यायालय की राय के लिए किसी मामले का कथन करने के लिए लिखित अग्रीमेंट कर लेते हैं वहाँ न्यायालय विधिक रीति से मामले का विचारण करेगा या अपनी राय देगा। साधारण शब्दों में कहें तो जहाँ कोई पक्षकार आपसी सहमति पर पहुच कर कोई फैसला करना चाहते हैं लेकिन किसी कारण वंश वह सहमति पर नहीं पहुँच पा रहे हैं ओर आपसी सहमति पर न्यायालय की राय लेना चाहते हैं तब न्यायालय उन्हें राय दे सकता है। लेकिन राय देने से पहले न्यायालय को पक्षकारों द्वारा अग्रीमेंट(करार) होना आवश्यक है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!