Article 45- संविधान में कहां लिखा है बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा, पढ़िए

article 45 of indian constitution in Hindi

शिक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। खाद्य पदार्थों से व्यक्ति का शारिरिक विकास होता है वही व्यक्ति के मानसिक विकास के लिए उसे शिक्षित होना जरूरी है। जब हमारा भारत देश आजाद हुआ था तब देश में गरीबी ओर भुखमरी फैली हुई थी इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत के संविधान में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुच्छेद जोड़ा गया जानिए।

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 45 की परिभाषा

राज्य सरकार छः वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख रेख और शिक्षा उपलब्ध करवाएगी। 
वर्तमान में कहे तो आंगनबाड़ी केंद्रों में जो बच्चे 0-5 वर्ष के बच्चों की जो पढ़ाई होती हैं ,वह भारतीय संविधान के इसी अनुच्छेद के नियमो का एक उदाहरण हैं। 

कब शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार बना जानिए

उन्नीकृष्णन बनाम आंध्र प्रदेश राज्य:- मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि 14 वर्ष तक के बालको को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देना राज्य का संवैधानिक दायित्व है एवं अनुच्छेद 21 के अंतर्गत शिक्षा पाना एक मूल अधिकार है।

इसी संदर्भ में 86वे संविधान संशोधन 2002 द्वारा अनुच्छेद 21क बनाया गया एवं 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा को एक मूल अधिकार बना दिया गया। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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